बदलते समय में बाल और किशोर मानसिक स्वास्थ्य के अवसर और चुनौतियों पर शुरू हुई चर्चा

झारखंड सेहत
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  • इंडियन एसोसिएशन ऑफ चाइल्ड एंड अडोलेसेंट मेंटल हेल्थ का राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन शुरू

रांची। बदलते समय में बाल और किशोर मानसिक स्वास्थ्य : अवसर और चुनौतियां विषय पर तीन दिवसीय 16वां द्विवार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन 24 दिसंबर से शुरू हुआ। इसका आयोजन रांची स्थित सीआईपी द्वारा इंडियन एसोसिएशन ऑफ चाइल्ड एंड अडोलेसेंट मेंटल हेल्थ के सहयोग से किया जा रहा है। यह वचुर्अल मोड में होने वाला पहला द्विवार्षिक सम्मेलन है। इसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्‍यम से प्रतिनिधि भागीदारी कर रहे हैं।

कार्यक्रम सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) के साथ शुरू हुआ। सत्र का संचालन डॉ सौम्या बसु (एसोसिएट प्रोफेसर, मनोचिकित्सक, मोनाश विश्वविद्यालय, मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया), डॉ सौमित्र शंकर दत्ता (वरिष्ठ सलाहकार मनोचिकित्सक, टाटा मेडिकल सेंटर कोलकाता), डॉ सत्य राज (सलाहकार, बाल और किशोर) द्वारा किया गया था। मनोचिकित्सा इकाई, सीएमसी, वेल्लोर, डॉ नरेश नेभिनानी अतिरिक्त प्रोफेसर, मनोचिकित्सा विभाग, एम्स जोधपुर और डॉ वरुण मेहता, एसोसिएट प्रोफेसर, सीआईपी, रांची थे।

वक्ताओं ने तंत्रिका विकास संबंधी विकार और व्यक्तित्व विकार, बच्चों और किशोरों में मनोविकृति, शिशुओं में मानसिक स्वास्थ्य, बच्चों और माता-पिता में चल रही महामारी के प्रभाव और भारत में आत्महत्या की दर में वृद्धि के बीच संबंध पर बात की। तीन दिवसीय सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन मुख्य अतिथि सीआईपी के प्रो विनोद सिन्हा, सम्मानित अतिथि पूर्व निदेशक प्रो (डॉ) डी राम, डॉ किशोर विश्वनाथ गूजर, अध्यक्ष, आईएसीएएम, आयोजन अध्यक्ष प्रो (डॉ) बासुदेव दास, आयोजन सचिव डॉ निशांत गोयल ने संयुक्‍त रूप से किया।

स्वागत करते हुए प्रो दास ने विशेष रूप से महामारी के दौरान और दूरगामी परिणामों के दौरान बच्चे एवं किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य को संबोधित करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने स्मार्ट फोन की लत को भी छुआ। महासचिव डॉ क्षितिज श्रीवास्तव ने प्रतिनिधियों को IACAM के बारे में बताया। IACAM के उपाध्यक्ष डॉ देवाशीष कोनार ने महामारी के दौरान बाल और किशोर मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर अपनी बातें की।

प्रोफेसर (डॉ) डी राम ने पिछले पांच दशकों में मानसिक स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलते परिदृश्य पर चर्चा की। मुख्य अतिथि प्रो विनोद सिन्हा ने ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर काम करने पर अपने विचार और अनुभव भी साझा किए। विशेष रूप से ऐसे क्षेत्रों में ऑनलाइन सुविधाओं की कमी के कारण शैक्षिक अवसरों के नुकसान का जिक्र किया। उन्‍होंने सम्मेलन की ई-स्मारिका का विमोचन भी किया।

राष्ट्रीय सम्मेलन आधिकारिक तौर पर डॉ किशोर विश्वनाथ गूजर, अध्यक्ष IACAM द्वारा दिए गए अध्यक्षीय भाषण के बाद शुरू हुआ। आयोजन सचिव डॉ निशांत गोयल ने धन्यवाद दिया। दिन के सत्रों में 300 प्रतिभागियों ने भाग लिया। वे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से जुड़े थे। राष्ट्रीय सम्मेलन अगले दो दिनों तक जारी रहेगा।