बीएयू में क्रिसमस गैदरिंग, विद्यार्थियों ने प्रस्‍तुत किया रंगारंग कार्यक्रम

झारखंड
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रांची। क्षमाशीलता मानव का सर्वश्रेष्ठ नैतिक गुण है। जितनी जल्दी संभव हो प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से अपने कथ्य, कृत्य और व्यवहार से आहत करने वाले व्यक्ति को क्षमा कर देना चाहिए। ईश्वर तभी हमारे कर्मों के लिए क्षमा करेंगे। उक्‍त बातें बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि संकाय के डीन डॉ एसके पाल ने कही। वह रांची कृषि महाविद्यालय प्रेक्षागृह में बृहस्पतिवार को सत्र 2019-20 बैच के विद्यार्थियों द्वारा आयोजित क्रिसमस गैदरिंग समारोह में बोल रहे थे।

क्राइस्ट द किंग चर्च, कांके के फादर इग्नेसिस मिंज, एसजे ने कहा कि प्रभु यीशु के आगमन का दिन लोगों को यह अहसास दिलाने के लिए है कि दुनिया में हर कोई ईश्वर की अद्भुत और अनुपम कृति है। अपने शुभ कर्मों से बड़ा और महान बन सकता है। उनकी नजर में कोई भी छोटा, कमजोर या हीन नहीं है। प्रभु के स्मरण से सतत सुरक्षा और उनके मार्गदर्शन का एहसास होता है।

पूर्व कृषि अधिष्ठाता डॉ एमएस यादव ने कहा कि कि मन में ईश्वर की सत्ता के प्रति श्रद्धा रहने से आंतरिक शक्ति और आत्मविश्वास का स्तर बढ़ता है। कोरोना महामारी के कारण लगभग 20 माह बाद विद्यार्थी पुनः कैंपस में आए हैं, जिससे विश्वविद्यालय परिसर पुनः जीवंत मालूम पड़ने लगा है।

निदेशक छात्र कल्याण डॉ डीके शाही ने कहा कि मन की शुद्धि और अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निष्ठापूर्वक निर्वाह ही सच्चा धर्म है। कृषि प्रसार विभागाध्यक्ष डॉ निभा बाड़ा ने ईश्वर के बताए दया, प्रेम और करुणा के मार्ग पर चलने पर जोर दिया।

आयोजन में रांची कृषि महाविद्यालय, बागवानी महाविद्यालय, कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय तथा सामुदायिक विज्ञान विभाग के छात्र-छात्राओं ने गीत, संगीत, नृत्य और प्रभु यीशु के जन्म और संदेशों पर आधारित नाटक का रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम का संचालन संकेत, प्रीति, निवेदित और दीक्षा ने किया। आयोजन में डॉ शशि किरण तिर्की, आभा नूतन कुजूर, डॉ पूनम होरो, निमित एम पूर्ति एवं एंजेल सुशांति पूर्ति की भूमिका रही।