अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन ने बदली छत्तीसगढ़ के ग्रामीण युवाओं की जिंदगी

देश मुंबई
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मुंबई। अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड देश के ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास की पहल को बढ़ावा देती आई है। इस दिशा में लगातार आगे बढ़ते रहने के लिए कंपनी की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी शाखा अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन ने कौशल, स्वास्थ्य और स्वच्छता, ग्रामीण बुनियादी ढांचे और महिला सशक्तिकरण जैसी पहलों पर ध्यान केंद्रित किया है।

पिछले कुछ महीनों में अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन ने 10 राज्यों में फैले अपने 35 कौशल और उद्यमिता प्रशिक्षण संस्थानों (एसईडीआई) के माध्यम से देश भर में 74,000 से अधिक युवाओं को सशक्त बनाया है। विशेष तौर पर छत्तीसगढ़ पर काफी ध्यान दिया गया है। यहां अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन युवाओं को शिक्षित करने में मदद कर रहा है, जिससे उन्हें रोजगार के लायक बनने और अपनी आजीविका को बनाए रखने में मदद मिल रही है।

22 साल के तुलसी साहू ऐसी ही एक पहल के लाभार्थी हैं। वे एक वंचित परिवार से ताल्लुक रखते हैं। सिलोरा, हरबन के ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले तुलसी अपने घर के हालातों के चलते अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख सके। कॉलेज के बजाय उन्होंने अपने परिवार की मदद करने के लिए काम करना चुना। अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन द्वारा समर्थित अपना पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद तुलसी आज कोरबा के रिलायंस मॉल में कैशियर के रूप में काम कर रहे हैं। वह न केवल अपने परिवार का भरण-पोषण करने में सक्षम हो गए हैं बल्कि एसईडीआई के प्रशिक्षण से उसके आत्मविश्वास में भी बहुत सुधार हुआ है।

मानस दुबे एक और उदाहरण है जो इस पहल की सफलता को दर्शाता है। अपनी पढ़ाई बंद हो जाने के बाद वे आतिथ्य क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते थे।एसईडीआई द्वारा प्रदान किए गए प्रशिक्षण ने उनकी इच्छा पूरी करना सुनिश्चित किया। आज उनका न केवल एक सफल करियर है, बल्कि वह अपने पड़ोस में दूसरों को भी सशक्त बनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

अंबुजा सीमेंट्स के एमडी और सीईओ नीरज अखौरी का कहना है, ‘अंबुजा सीमेंट्स न केवल शहरी क्षेत्रों में बल्कि ग्रामीण भारत में भी रोजगार पैदा करने और कौशल अंतर की खाई को पाटने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह देश की स्किल इंडिया पहल में योगदान देने के हमारे अपने प्रयास है।’

ग्रामीण भारत में अपार संभावनाओं के बावजूद, शिक्षा, प्रशिक्षण और रोजगार और आजीविका के अवसरों की तलाश में हर दिन हजारों युवा शहरों की ओर पलायन करते हैं। अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन पूरे ग्रामीण भारत में प्रशिक्षण संस्थान स्थापित कर रहा है, जिससे युवाओं को कौशल के व्यापक अवसर मिल रहे हैं।

अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन के निदेशक और सीईओ पर्ल तिवारी ने कहा, ‘किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए रोजगार सृजन में शिक्षा और प्रशिक्षण सबसे महत्वपूर्ण हिस्से हैं। न केवल शहरी क्षेत्रों में बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी कौशल अंतर को पाटना और उद्यमिता की भावना का समर्थन करना बहुत महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से कोविड-19 के बाद। एसईडीआई के माध्यम से हमारा लक्ष्य युवाओं को प्रेरित करना और उन्हें रोजगार और उद्यमशीलता के अवसरों, रोजगार सृजन और आर्थिक प्रगति दोनों के लिए तैयार करना है। हम तहे दिल से सरकार के स्किल इंडिया मिशन में योगदान देने में विश्वास करते हैं और इस दिशा में बहुत आगे तक साथ निभाना चाहते हैं।’

एसईडीआई, अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन द्वारा शुरू की गई एक अनूठी कौशल पहल है जो गहन व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ाने पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से अर्जन क्षमता को मजबूत करके स्थायी आजीविका प्रदान करना है। यह पहल रोजगार प्रदान करती है और छात्रों को अपना व्यवसाय शुरू करने में मदद करने के लिए उद्यमिता को बढ़ावा देती है और आगे बढ़ने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करती है।

एसईडीआई, दिव्यांगों को हॉस्पिटैलिटी, एसी और रेफ्रिजरेटर रिपेयर, स्मार्टफोन रिपेयर और बीपीओ कॉल सेंटर एक्जीक्यूटिव जैसे पाठ्यक्रमों में भी प्रशिक्षित करते हुए उन्हें प्लेसमेंट के अवसर प्रदान करता है। जिससे उनका जीवन बदल जाता है।