कर्नाटक के एडीजे पहुंचे तेनुघाट, नतमस्तक होकर जमीन को किया प्रमाण

झारखंड
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  • कहा, राज्य का विकास नहीं होना लीडरशिप की कमी को दर्शाता है

प्रशांत अंबष्‍ठ 

गोमिया (बोकारो)। झारखंड में खनिज संपदा प्रचुर मात्रा में है, लेकिन अन्य राज्यों की अपेक्षा यहां विकास कम हुआ है। राज्य का विकास नहीं होना लीडरशिप की कमी को दर्शाता है। उक्त बातें कर्नाटक के अपर पुलिस महानिदेशक (रेलवे) के भास्‍कर राव ने तेनुघाट दौरे के बाद कही। दरअसल राव के पिता तेनुघाट सिंचाई विभाग में कार्यपालक अभियंता थे। उनका बचपन यहीं गुजरा था। अपनी यादों को समेटने के लिए 51 साल बाद उस क्वार्टर में गए और नतमस्तक होकर उस जमीन को प्रणाम किया।

राव ने कहा कि 1967 से लेकर 71 तक उनके पिता सिंचाई विभाग में कार्यपालक अभियंता (तकनीक) रूप में काम किया था। उस वक्‍त तेनुघाट डैम का निर्माण हो रहा था। उनका बचपन तेनुघाट में गुजरा है। इसलिए उन्हें बार-बार तेनुघाट की उस जमीन को देखने और एहसास करने की तमन्ना थी। इसी उद्देश्य वह कर्नाटक से तेनुघाट पहुंचे। अपने बचपन की यादें ताजा की। उन्होंने कहा कि तेनुघाट में ही पहले अक्षर ज्ञान की शुरुआत की। इसके बाद बोकारो थर्मल स्थित कार्मेल स्कूल में प्राथमिक शिक्षा ली। उनके पिता का स्थानांतरण हो जाने के कारण वे यहां से चले गए। उस समय दक्षिण भारत के कई अभियंता यहां कार्यरत थे।

मौजूदा समय में राव कर्नाटक रेल विभाग में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में तेनुघाट का स्वरूप बदल गया है। उस समय काफी जंगल हुआ करता था। कोई भी व्यक्ति रहना नहीं चाहता था। वैसे झारखंड में सोना, हीरा, कोयला, पानी अभ्रक सहित अन्य खनिज संपदा भरपूर मात्रा में है, लेकिन जिस प्रकार तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात का विकास हुआ है, वैसा विकास झारखंड में नहीं दिखाई पड़ता है। झारखंड-बिहार के लगभग आठ दस लाख मजदूर कर्नाटक में काम करते हैं। उतना काम तो उन्हें झारखंड में मिल सकता था, लेकिन ऐसा नहीं है।

एडीजे राव तेनुघाट पहुंचने से पहले रजरप्पा स्थित छिन्मस्तिका मंदिर गये। पूजा-अर्चना की। इसके बाद गोमिया के पूर्व विधायक माधवलाल सिंह से मिले। सिंह ने एडीजे भास्कर राव को शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत कम अधिकारी हुए, जो अपने बचपन के दिनों को याद कर पुनः उस जमीन पर आते हैं। गोमिया के जिप सदस्य प्रकाश लाल सिंह, झारखंड आंदोलनकारी केदारनाथ पंडा, सनत प्रसाद, आकाश लाल सिंह ने गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया।