टाटा स्टील ने भारत और बांग्लादेश के बीच ब्लॉकचैन-सक्षम व्यापार की शुरुआत की

देश बिज़नेस मुंबई
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मुंबई। टाटा स्टील ने बांग्लादेश में स्थित एक प्रमुख मेटल कंपनी के साथ ब्लॉकचैन-सक्षम पेपरलेस एक्सपोर्ट ऑर्डर निष्पादित किया। दो संबंधित स्थानों के बैंकों की सहायता से यह भारत की किसी कंपनी और बांग्लादेश में स्थित एक काउंटरपार्टी के बीच इस तरह का पहला सौदा है। इस लेनदेन को भारत में स्टैंडर्ड चार्टर्ड द्वारा सुगम किया गया। इसे कंटूअर के ब्लॉकचेन ट्रेड प्लेटफॉर्म पर संचालित किया गया, जो दुनिया भर के बैंकों, कॉरपोरेट्स और अन्य बिजनेस पार्टनरों को एक-दूसरे के साथ लेनदेन करने में सक्षम बनाता है।

स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने एडवाइज जारी कर कंटूअर पर प्राप्त निर्देशों के आधार पर टाटा स्टील के पक्ष में लेटर ऑफ क्रेडिट (एलसी) को कन्फर्म किया और प्लेटफॉर्म पर खरीदार के बैंक को दस्तावेज पेश किया। इससे विसंगतियों के शीघ्र समाधान में मदद मिली। पहले ओवरऑल टर्नअराउंड-टाइम में हफ्तों लगते थे, जो इस सुविधा में घट कर चंद दिनों में सिमट गया है।

तीन घंटे के भीतर प्लेटफॉर्म के माध्यम से दोनों तरफ के दो अलग-अलग बैंकों के बीच एलसी और दस्तावेजों के ई-प्रेजेंटेशन का यह निर्बाध आदान-प्रदान इस समाधान के कारण कागजी कार्य व समय की बचत के साथ-साथ परिचालन दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि को प्रमाणित करता है। 

टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट (फ्लैट प्रोडक्ट्स) राजीव सिंघल ने कहा कि टाटा स्टील ने इस साल अपने व्यापार अभ्यासों को डिजिटल रूप के लिए अग्रणी प्रयास किए हैं, जो टिकाऊ एवं कुशल हैं और समय भी बचाते हैं। अब हम प्रसन्न हैं और ज्यादा आश्वस्त हैं कि हमने पहला मल्टी-बैंक ब्लॉकचैन-सक्षम व्यापार निष्पादित किया है। टाटा स्टील के मूलभूत प्रयासों के साथ यह टेक्नोलॉजी बेहतर ग्राहक इंटरफेस को सक्षम करने में दक्षता और चपलता प्रदान करती है। कोविड -19 महामारी ने इस बात को रेखांकित किया है कि टेक्नोलॉजी ही भविष्य में व्यापार करने के तरीके का नेतृत्व करेगी और बेहतर ग्राहक अनुभव के लिए ब्लॉकचेन का उपयोग करना इस परिवर्तन को सक्षम करने की दिशा में एक ऐसा ही कदम है।

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग करने वाला यह एकीकृत समाधान लेनदेन में शामिल सभी पक्षों को रियल टाइम में एक ही मंच पर संवाद करने की अनुमति देता है। इसका उद्देश्य एलसी की पारंपरिक कागज-प्रबल प्रक्रिया की तुलना में संपूर्ण एलसी प्रक्रिया को डिजिटाइज़ कर और परिचालन खामियों को समाप्त कर प्रोसेसिंग टाइम को कम करना है। इसके अलावा, यह तकनीक लेनदेन की सुरक्षा को भी बढ़ाती है। जानकारी को केवल नेटवर्क पर अन्य अधिकृत सदस्यों के साथ साझा किया जा सकता है और यह अपरिवर्तनीय है, जो लेनदेन में शामिल सभी पक्षों के लिए पारदर्शिता बढ़ाते हुए डेटा की हेराफेरी और धोखाधड़ी के खतरे को कम करता है।

इस साल की शुरुआत में टाटा स्टील ने अपना पहला ब्लॉकचेन सक्षम व्यापार निष्पादित किया और यह भारत से बाहर इसका पहला मल्टी-बैंक लेनदेन होगा। कंपनी डिजिटल रूप से सक्षम लेनदेन की ओर बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है, जो भविष्य में निर्बाध और कुशल व्यापार अभ्यासों के संचालन में में मदद करेगा।