रांची। कोविड-19 महामारी के कारण लंबे समय तक स्कूल बंद रहने से पूरे भारत में बच्चों की शिक्षा को अभूतपूर्व क्षति पहुंची है। इस दौरान बच्चों ने शिक्षा के अलावा और भी बहुत कुछ खोया है। उन्होंने शिक्षक एवं दोस्तों के साथ स्कूल में बिताए जाने वाले अपने महत्वपूर्ण क्षणों को तो खोया है। स्कूल में मिलने वाले पौष्टिक भोजन और कुछ मामलों में एक सुरक्षित आश्रय से भी वंचित हुए हैं।
बाल अधिकार समझौता को अंगीकार किए जाने के 32 वर्ष पूरे हो गये। इस मौके पर पूरी दुनिया भर में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। यूनिसेफ इंडिया इस अवसर को स्कूलों को पुनः सुरक्षित रूप से खोलने और बच्चों की शिक्षा को प्राथमिकता देने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
विश्व बाल दिवस पर बाल अधिकारों के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए झारखंड में राजधानी रांची स्थित राजभवन और नए विधानसभा के पश्चिम विंग को 19 और 20 नवंबर को नीले प्रकाश से रोशन से किया गया। इसका उद्देश्य बच्चों के अधिकारों का राज्यव्यापी उत्सव मनाना और शिक्षा को हुए नुकसान की पूर्ति एवं बाल अधिकारों को चर्चा के केंद्र में लाना है।
विश्व बाल दिवस बच्चों को समर्पित दिन है। यह दिन बच्चों को अपने अनुभवों को साझा करने तथा खुद को व्यक्त करने का एक मंच प्रदान करता है। आवश्यकता इस बात की है कि न सिर्फ विश्व बाल दिवस पर, बल्कि साल के हर दिन बाल अधिकारों के बारे में जागरुकता पैदा किया जाए और बच्चों के हित में कार्य किए जाएं।