मनरेगा में चार वर्षों में 3.46 करोड़ का विचलन, वसूली 7 फीसदी

झारखंड
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  • 63 प्रखंडों में कोई वसूली नहीं, विभाग गंभीर
  • कार्य की गति को देख मनरेगा आयुक्‍त नाराज

रांची। झारखंड में मनरेगा के कार्यों में चार वर्षों में 3.46 करोड़ रुपये का विचलन हुआ है। इसके विरुद्ध करीब 7 फीसदी की वसूली हुई है। राज्‍य के 63 प्रखंडों ने कोई वसूली नहीं की है। इसे ग्रामीण विकास विभाग ने गंभीरता से लिया है। उक्‍त बातें मनरेगा आयुक्त श्रीमती राजेश्वरी बी ने 24 नवंबर को मनरेगा योजना एवं रूर्बन के क्रियान्वयन की समीक्षा के दौरान कही। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई समीक्षा में सभी उप विकास आयुक्त जुड़े थे। इसमें मनरेगा योजना के तहत किए जा रहे कार्यों की जिलावार विस्तार से समीक्षा की। इस क्रम में अपेक्षाकृत कम प्रगति करने वाले जिलों के डीडीसी को कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया।

पलायन होने पर जवाबदेह पर कार्रवाई

आयुक्त ने कहा कि मनरेगा कार्य का उद्देश्य ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराना है। गांव से पलायन नहीं हो, इसे सुनिश्चित करें। ऐसा नहीं होने पर जबावदेही तय करते हुए कार्रवाई की जाएगी। सभी लंबित योजनाओं को 1 सप्ताह में पूर्ण करने का निर्देश दिया। समीक्षा के क्रम में आयुक्त ने मनरेगा के तहत कार्य करने वाले श्रमिकों को ससमय मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए  प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया। अधिक से अधिक श्रमिकों को एक सौ दिन तक रोजगार मुहैया कराने की बात कही।

काम में थोड़ी भी लापरवाही नहीं हो

आयुक्‍त ने मनरेगा से गांव में रोजगार सृजन को लेकर अन्य कई दिशा निर्देश दिये। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देशित किया कि मनरेगा कार्य में थोड़ी सी भी लापरवाही नहीं हो। उन्होंने मनरेगा से बन रही योजनाओं का स्थल निरीक्षण करने समेत अन्य कई दिशा निर्देश दिए। रिजेक्टेड ट्रांजेक्शन, पीएफएमएस द्वारा मनरेगा श्रमिकों के रिजेक्टेड खाता अविलंब सुधार करने, शत प्रतिशत योजना का जिओ टैगिंग करने एवं लक्ष्य के अनुरूप गांव में योजना संचालित कर मानव दिवस सृजन करने को लेकर निर्देशित किया। बैठक में  सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को मनरेगा में 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

एप में अपलोड करना सुनिश्चित करें

राजेश्वरी बी ने एरिया ऑफिसर एप के माध्यम से सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, सहायक अभियंता एवं कनीय अभियंता को 50-50 चालू योजनाओं का प्रतिमाह निरीक्षण करने एवं उसका प्रतिवेदन एप पर अपलोड करने का सख्त आदेश दिया। उन्होंने सभी ग्राम पंचायतों में मस्टर रोल में निहित मजदूरों की उपस्थिति NMMS App के माध्यम से Capture करते हुए अपलोड करने का भी निर्देश दिया।

वसूली नहीं होने को गंभीरता से लिया

मनरेगा आयुक्त ने बताया कि सामाजिक अंकेक्षण के क्रम वित्तीय वर्ष 2017 से 21 के बीच 4898 पंचायतों का सामाजिक अंकेक्षण हुआ। इसमें 93,349 मुद्दे उभर के आये। 55 प्रतिशत पर विभाग द्वारा कार्रवाई की गयी है और 3,45,94,613 करोड़ रुपये के वित्तीय विचलन के विरुद्ध 6.6 प्रतिशत राशि की वसूली की गयी है। कोडरमा में सबसे अधिक 38 प्रतिशत और सिमडेगा मे सबसे कम 0.3 प्रतिशत राशि की वसूली हो पायी है। राज्य के 63 प्रखंडों में कोई वसूली नहीं होने को विभाग ने गंभीरता से लिया है।

लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना लक्ष्य

आयुक्त ने कहा कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से जीवन स्तर में सुधार लाने का प्रयास करना हमारा मुख्य उद्देश्य है। मनरेगा आयुक्त ने कहा कि जिला व प्रखंड स्तर पर सभी अधिकारियों को निरंतर विकास के कार्यों के लिए प्रयासरत रहने की आवश्यकता है, ताकि इन योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया जा सके।