सीएमपीडीआई को अनुसंधान एवं विकास इकाई के रूप में मिली मान्यता

झारखंड बिज़नेस
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रांची। कोल इंडिया की झारखंड के रांची स्थित सहायक कंपनी सीएमपीडीआई को अनुसंधान एवं विकास इकाई के रूप में मान्‍यता मिली है। डिपार्टमेंट ऑफ साइंटिफिक एंड इंड्स्ट्रियल रिसर्च (डीएसआईआर), विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय (डीएसटी), भारत सरकार, नई दिल्ली ने कंपनी को इकाई के रूप में मान्यता का नवीनीकरण प्रदान किया गया है। यह मान्यता 3 वर्षों के लिए दिया गया है।

अत्याधुनिक बुनियादी सुविधाओं और अच्छी तरह से सुसज्जित प्रयोगशालाओं के आधार पर मान्यता की अवधि के दौरान सरकार की नीति में लागू सीमा शुल्क से छूट प्राप्त करने के लिए आरएंडडी इकाई की सुविधा होगी।

ज्ञात हो कि अनुसंधान कार्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता के अलावा सीएमपीडीआई कोयला मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित कोयला एसएंडटी परियोजनाओं के समन्वय और निगरानी के लिए नोडल एजेंसी भी है।

कोयला  मंत्रालय ने अनुसंधान परियोजनाओं के लिए विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान की है, जिसमें उत्पादन और उत्पादकता में सुधार के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी/ कार्यप्रणाली, सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण में सुधार, बेकार सामग्री से संपदा, कोयले और स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी का वैकल्पिक उपयोग, कोयला लाभकारी और उपयोग, अन्वेषण, नवाचार और स्वदेशीकरण (मेक-इन-इंडिया अवधारणा के तहत) शामिल है। कोयला मंत्रालय द्वारा वर्ष 2021 से 2026 के दौरान अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 103 करोड़ रुपये निर्धारित किये गये हैं।

वर्तमान में सीएमपीडीआई और विभिन्न अनुसंधान एवं शैक्षणिक संस्थानों द्वारा 45 से अधिक शोध परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। इसमें सीआइएल एवं इसकी सहायक कंपनियां, एससीसीएल-(कोठागुडेम), एनएलसीआइएल-(नेवेली), आइआइटी-(बॉम्बे, दिल्ली, मद्रास, खड़गपुर, धनबाद, बीएचयू आदि), एनआइटी-(तिरुचिरापल्ली, सुरथकल, दुर्गापुर आदि), आइआइईएसटी(शिबपुर), सिम्फर-(धनबाद और नागपुर), समीर (मुंबई), सीएमईआरआई-(दुर्गापुर), आरएफआरआई (जोरहाट, असम), एनजीआरआई-(हैदराबाद), एनएमएल-(जमशेदपुर), जर्मी-(गांधीनगर) आदि शामिल हैं।