अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी ने की आईआईटी दिल्ली के साथ साझेदारी

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  • हरित भविष्य के लिए उन्नत तकनीक के कम कार्बन वाले सीमेंट को विकसित करने का उद्देश्य

मुंबई। अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (आईआईटीडी) के साथ साझेदारी की है, ताकि टिकाऊ निर्माण को बढ़ावा देने के लिए उन्नत तकनीक वाली कम कार्बन सामग्री कैलक्लाइंड क्ले सीमेंट्स को विकसित की जा सके। अंबुजा और एसीसी, अपनी मूल कंपनी, होल्सिम के साथ कदम मिलाते हुए भारत में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए हरित और दायित्वपूर्ण उत्पादों की एक श्रृंखला बनाने के लिए लगातार इनोवेशन कर रहे हैं। इस क्षेत्र में होने वाले अनुसंधान और विकास का लाभ उठा रहे हैं।

भारत के सर्वाधिक प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली के साथ इस अकादमिक सहयोग को होल्सिम इनोवेशन सेंटर, ल्यों, फ्रांस के वित्तीय सहयोग से संचालित एक शोध परियोजना के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा। इसमें कैलक्लाइंड क्ले सीमेंट्स की परफॉर्मेंस के बारे में क्लिंकर, कैलक्लाइंड क्ले और लाइमस्टोन के प्रभाव का गहन वैज्ञानिक अध्ययन शामिल होगा। इस सहयोग का उद्देश्य भारतीय और अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ताओं के लिए 50 प्रतिशत से अधिक कम कार्बन उत्सर्जन के साथ अगली पीढ़ी के कम कार्बन वाले सीमेंट का निर्माण करना है।

सीईओ (होल्सिम इंडिया) और प्रबंध निदेशक और सीईओ (अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड) नीरज अखौरी ने कहा, ‘अपने व्यापक आरएंडडी सेट अप के माध्यम से हम निर्माण उद्योग के लिए नई कम कार्बन वाली सामग्री विकसित करने का लगातार प्रयास करते हैं। कैलक्लाइंड क्ले सीमेंट उद्योग में महत्वपूर्ण बदलाव लाने और हमारे ‘सस्टेनेबिलिटी ड्राइव’ को और तेज करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। आईआईटी दिल्ली के साथ हमारी अकादमिक साझेदारी एक हरित भविष्य के निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम है। हम देश के सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाशाली लोगों के साथ सहयोग करने के लिए उत्साहित हैं।‘

आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो रामगोपाल राव ने कहा, ‘आईआईटी दिल्ली का प्रयास है कि वह अपने शोध को उद्योग और समाज के लिए प्रासंगिक बना सके। लाइमस्टोन कैलक्लाइंड क्ले सीमेंट को दुनिया भर में उद्योगों की ओर से व्यापक तौर पर स्वीकार किया जाता है। इसी सिलसिले में कैलक्लाइंड-क्ले सीमेंट की अगली पीढ़ी को विकसित करने के लिए होल्सिम के साथ यह सहयोग उस भरोसे को प्रदर्शित करता है, जो आईआईटी दिल्ली ने उद्योग के साथ बनाया है। हमें विश्वास है कि यह साझेदारी हमें ऐसे टिकाऊ निर्माण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी जो जनता के लिए सुलभ हो।‘

होल्सिम इनोवेशन सेंटर लगातार एक विशिष्ट शैक्षणिक नेटवर्क के साथ जुड़ा हुआ है। सेंटर ने ‘सस्टेनेबल’ और ‘स्मार्ट’ बिल्डिंग सॉल्यूशंस के माध्यम से नवाचार उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए 40 से अधिक प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ सफलतापूर्वक सहयोग किया है।

दोनों कंपनियों ने पहले भी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटीएम) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान हैदराबाद (आईआईटीएच) के साथ साझेदारी की है। यह साझेदारी स्मार्ट सेंसिंग टैक्नोलॉजी और ऑप्टिमाइज्ड यूज ऑफ लो कार्बन से संबंधित है। ये अकादमिक सहयोग कंपनी के इस विजन से उपजा है कि कैसे दुनिया को हरित, स्मार्ट और अधिक टिकाऊ बनाया जाए।