गुमला में ग्रामीणों ने तीन पशु तस्करों को बंधक बना घंटों की सड़क जाम, जानिए कैसे होती है तस्करी

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गुमला। गुमला जिला अंतर्गत रायडीह प्रखंड के सुरसांग थाना स्थित कोंडरा गांव में देर रात को ग्रामीण, विश्व हिन्दू परिषद व बजरंग दल के लोगों ने पशु तस्करों को पकड़ा। एक पिकअप वैन में पशुओं को ठूंस कर छत्तीसगढ़ के रास्ते गुमला लाया गया था। ग्रामीणों ने पिकअप सहित पशुओं को जब्त कर लिया। इस दौरान तीन पशु तस्करों को पकड़ कर पुलिस को सुपुर्द कर दिया।

पशु तस्करी के विरोध में ग्रामीणों ने कोंडरा-चटकपुर मुख्य मार्ग को घंटों जाम किया। थाना प्रभारी के समझाने के बाद ग्रामीणों ने जाम खत्म किया। ग्रामीणों ने बताया कि गाड़ी में पशुओं को ठूंस कर लादा गया था। इस कारण कई पशु घायल थे। ग्रामीणों ने तीन पशु तस्करों को भी पकड़ा। इनमें गुमला थाना के कतरी गांव निवासी जफान खान, उसमान खान व कोटाम गांव के मोहम्मद फारूक अंसारी हैं। ग्रामीणों ने इन तीनों पशु तस्करों को रात को बांधकर रखा। उसके बाद सुरसांग थाना की पुलिस को सौंप दिया।

इन दिनों बढ़ रहे पशु तस्करी के विरोध में ग्रामीणों ने दो घंटे तक कोंडरा-चटकपुर गांव का मुख्य मार्ग जाम कर दिया। करीब आधा दर्जन गांव के ग्रामीणों ने सड़क जाम की। सभी लाठी-डंडे से लैस थे। ग्रामीणों ने कहा कि तीन माह पहले पशु तस्करी पर रोक लग गई थी। फिर अचानक कैसे पशुओं की तस्करी शुरू हो गई। ग्रामीणों ने पुलिस से पशु की तस्करी पर रोक लगाने की मांग की है। साथ ही कहा कि अब भी पशु तस्करी पर पुलिस रोक नहीं लगाती, तो ग्रामीण खुद कार्रवाई करते हुए पशु को जब्त करेंगे और पशु तस्करों को पकड़ेंगे। ग्रामीणों के उग्र रूप को देखते हुए सुरसांग थाना प्रभारी संदीप राज ने उन्हें आश्वासन देते हुए कहा कि थाना क्षेत्र में किसी प्रकार से गोवंशी पशुओं की तस्करी नहीं होगी।

पुलिस पूरी तरह से इसपर नजर रखेगी। गोवंशी पशु तस्करी से जुड़े लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी। इधर थाना प्रभारी के समझाने के बाद ग्रामीण मुख्य सड़क से हटे। ग्रामीणों के सौंपे गए पिकअप वैन के साथ 12 पशुओं व तीन पशु तस्करों को लेकर पुलिस सुरसांग थाना पहुंची। इस मामले को लेकर थाने में पशु क्रूरता अधिनियम एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। बताया जाता है कि गुमला जिला का सीमावर्ती क्षेत्र छत्तीसगढ़ राज्य है जो रायडीह प्रखंड सटता है।

गुमला में छत्तीसगढ़ राज्य से पशुओं की तस्करी होती है। पहले गरीब मजदूरों के माध्यम से पशुओं को चोरी-छिपे हांकते हुए गुमला में प्रवेश कराया जाता था। लेकिन रायडीह से सटे गांव के लोग जब पशु तस्करी के खिलाफ खड़े हुए, तो अब चोरी-छिपे रात के अंधेरे में गाड़ियों को ठूंस कर पशुओं की तस्करी कराई जा रही है। बजरंग दल के संयोजक मुकेश सिंह ने कहा कि प्रशासन पशु तस्करी पर रोक लगनी चाहिए।