कोरोना काल में प्राइवेट हॉस्पिटल की हुई खूब कमाई, कराएं ऑडिट

झारखंड सेहत
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  • झारखंड कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ताओं ने स्वास्‍थ्‍य मंत्री को ज्ञापन सौंपकर की मांग

रांची। कोरोना काल में प्राइवेट हॉस्पिटल की खूब कमाई हुई है। इसका ऑडिट कराया जाए। इस मांग को लेकर झारखंड कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ताओं ने स्वास्‍थ्‍य मंत्री बन्ना गुप्ता को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन देने वालों में पूर्व प्रवक्ता डॉ राजेश गुप्ता, आलोक कुमार दुबे और लालकिशोर नाथ शाहदेव हैं।

सौंपे ज्ञापन में उन्होंने कहा है कि एक रिपोर्ट और आकलन के अनुसार झारखंड में पिछले डेढ़ वर्ष से अधिक समय तक कोरोना संक्रमण काल के दौरान लगभग 8000 करोड़ रुपये लोगों ने इलाज में खर्च किये। इनमें से करीब 7000 करोड़ रुपये लोगों ने प्राइवेट हॉस्पिटल में खर्च किये।

पूर्व प्रवक्ताओं ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में रिक्शा वाले, ठेला वाले, गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को बचाने के लिए गहने, घर-संपत्ति और यहां तक की खून बेचकर प्राइवेट हॉस्पिटल को पैसा उपलब्ध कराये। रसूखदार लोग भी इनका कोपभाजन बनने से अपने आपको नहीं रोक पाये। हजारों लोगों ने अपनी जान भी गंवाई, लेकिन पैसे वसूलने में निजी अस्पतालों ने कोई दया नहीं दिखाई।

पूर्व प्रवक्ताओं ने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम की ओर से जो स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करायी गयी और उसके एवज में ली गयी राशि का ऑडिट होना चाहिए कि यह कितना उचित था। इसके लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित होनी चाहिए। समिति यह जानकारी हासिल करें कि सब कोरोनाकाल में पूरी अर्थव्यवस्था ठप्प थी, तो हजारों करोड़ रुपये स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर प्राइवेट अस्पतालों ने किस तरह से वसूले।

ज्ञापन में उन्होंने कहा है कि राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने और आधारभूत संरचना में सुधार के लिए हजारों करोड़ रुपये उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इसके बावजूद प्राइवेट अस्पतालों की जाल में गरीब और मध्यम परिवार के लोग क्यों फंस रहे हैं। इसकी भी उच्चस्तरीय समीक्षा जरूरी है।