बालू के अभाव में नहीं बन पा रहा पीएम आवास, अवैध उत्‍खनन कर भेजा जा रहा दूसरे राज्‍य

झारखंड
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  • खनन विभाग के पदाधिकारियों को सूचना देने के बाद भी कार्रवाई नहीं

विवेक चौबे

गढ़वा। एक ओर बालू के अभाव में हजारों प्रधानमंत्री आवास नहीं बन पा रहे हैं। दूसरी ओर माफिया अवैध उत्‍खनन कर बालू झारखंड से उत्तर प्रदेश सहित अन्‍य राज्‍यों में भेज रहे हैं। खनन विभाग के पदाधिकारियों को सूचना देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। अफसरों के उदासीन रवैये को देखते हुए कांग्रेस नेता ने आमरण अनशन करने का अल्‍टीमेटम दिया है। यह मामला झारखंड के गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत राणाडीह बालू घाट का है।

राणाडीह बालू घाट से वर्षों से अवैध बालू का उठाव धड़ल्ले से हो रहा है। बालू माफियाओं में प्रशासन का कोई खौफ नहीं दिख रहा है। निर्भीक होकर अवैध बालू से लदे सैकड़ों ट्रक को उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भेज रहे हैं। रात तो रात दिन में भी खुलकर बालू का अवैध व्यापार हो रहा है। कांडी प्रखंड के कांग्रेस अध्यक्ष जवाहर राम ने इसपर सवाल उठाया है।

प्रखंड अध्‍यक्ष ने कहा कि उक्त बालू घाट का लीज 2020 में ही समाप्त हो चुका है। इस संबंध में 4 माह पहले ही खनन विभाग का ध्यान आकृष्ट कराया गया था। बताया गया था कि उक्त बालू घाट से प्रतिदिन अवैध उत्खनन कर बालू का उठाव हो रहा है। कोयल नदी से सैकड़ों ट्रैक्टर से बालू उठा कर बालू भंडारण स्थल में गिराया जाता है। सैकड़ों ट्रक के माध्‍यम से यहां से बालू ले जाकर महंगे दाम पर बेचा जा रहा है। इससे हर महीने राज्‍य सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का घाटा हो रहा है।

कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष ने सवाल उठाया कि आखिर किसके आदेश पर इस घाट से बालू का उठाव हो रहा है। लगातार पदाधिकारियों द्वारा जांच भी की जाती है। इसके बावजूद बालू का अवैध उठाव जारी है। उन्होंने कहा कि रात में ही ट्रैक्टर द्वारा भंडारण स्थल में अवैध बालू का स्टॉक किया जाता है। यह काम शाम 8 बजे से लेकर रात 2 बजे तक चलता है। फिर ट्रक द्वारा अन्य राज्यों में बालू भेजा जाता है।

राम ने उक्त बालू घाट से अवैध बालू उठाव और उत्खनन पर प्रतिबंध लगाने की मांग सरकार और जिले के सभी पदाधिकारियों से की है। उन्होंने 24 घंटे में अवैध बालू उठाव पर प्रतिबंध नहीं लगने पर आमरण अनशन करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि कांडी प्रखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना के करीब 5 हजार लाभुकों का आवास बालू के अभाव में नहीं बन पा रहा है, जबकि इसी प्रखंड से अवैध बालू का उठाव हो रहा है। आवास के लाभुकों को भी महंगे दामों पर बालू दिया जा रहा, जबकि सभी लोगों को मुफ्त में बालू दिया जाना चाहिए।