रैयतों को प्रति एकड़ 9 लाख की दर से मुआवजा देगी सीसीएल

झारखंड
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  • मुआवजा पाने वाले प्रथम रैयत बनेंगे हराधन दिगार

प्रशांत अंबष्ठ

बेरमो (बोकारो)। कोल इंडिया की सहायक कंपनी सीसीएल रैयतों को प्रति एकड़ 9 लाख की दर से मुआवजा देगी। सीएमडी पीएम प्रसाद के प्रयास से मुआवजा की दर निर्धारण हो चुकी है। सीसीएल ढोरी क्षेत्र में निर्धारित मुआवजा पाने वाले हराघन दिगार प्रथम रैयत होंगे। मुआवजा राशि के निर्धारण से विस्थापितों में उत्साह देखा जा रहा है। इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगा है। उक्त बातें ढोरी क्षेत्र के महाप्रबंधक एमके अग्रवाल ने कही।

अग्रवाल ने बताया कि पिछरी कोलियरी की 458 एकड़ जमीन है। इसमें 300 एकड़ से अधिक रैयती भूमि है। कई रैयत के पास और अंचल से राज्य स्तर पर भी खतियान उपलब्ध नहीं रहने से सत्यापन में दिक्कत आ रही है। पेटरवार सीओ सहयोग कर रहे हैं। रैयत, श्रमिक संगठन, जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारियों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। सत्यापन के अलावा पर्यावरण क्लीयरेंस प्राप्त करने और दामोदर किनारे बांध की मजबूती की जांच करने का काम चल रहा है।

महाप्रबंधक ने बताया कि पिछरी कोलियरी के लिए मैनेजर नियुक्त कर दिया गया है। उनके साथ सर्वेयर, अमीन, चैनमैन आदि सहयोग के लिए दे दिये गये हैं। वे सीओ ऑफिस और रैयत के बीच रोज जाते हैं। भूमि सत्यापन को लेकर प्रयास करते हैं। सीओ और रैयतों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। उन्होंने आशा जताई कि शीघ्र ही पिछरी कोलियरी को चालू कराने में सफलता मिल सकती है।

अग्रवाल ने कहा कि उत्पादन में कोरोना तो बाधक शुरू से ही रहा। अत्यधिक बरसात ने भी व्यवधान डाला है। इसके बावजूद कठिन परि‍श्रम से लक्ष्य की प्राप्ति हो जाएगी। कामगार और अधिकारी एक टीम वर्क के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने विजयादशमी के दिन 3 रैक कोयला डिस्पैच पर प्रसन्नता जाहिर की। कहा कि रैंक डिस्पैच में तेजी लाने का प्रयास जारी रहेगा।