- केंद्र, एडीबी और राज्य सरकार के बीच 1168 करोड़ रुपये का ऋण समझौता
- एडीबी देगा 817.60 करोड़ ऋण, राज्य सरकार 350.40 करोड़ देगी हिस्सेदारी
रांची। झारखंड के सभी शहरी आबादी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना राज्य सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके तहत लगभग 5 लाख 85 हजार शहरी आबादी को पेयजलापूर्ति की परियोजना मूर्त रूप लेने जा रही है। राज्य के शहरी विकास एवं जलापूर्ति योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए 08 सितंबर, 2021 को नई दिल्ली में केंद्र सरकार, एशियन डेवलपमेंट बैंक, राज्य सरकार और जुडको के बीच 1168 करोड़ रुपये के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये गये।
नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के अपर सचिव रजत कुमार मि़श्रा, झारखंड के नगर विकास विभाग की ओर से सूडा निदेशक सह परियोजना निदेशक, वाह्य संपोषित परियोजना प्रबंधन इकाई अमित कुमार, एशियन विकास बैंक के कंट्री डायरेक्टर तोकियो कोनिशी एवं जुडको के उप परियोजना निदेशक उत्कर्ष मिश्रा ने समझौते पर हस्ताक्षर किये।
इस परियोजना से राजधानी रांची के साथ ही मेदिनीनगर, हुसैनाबाद और झुमरीतिलैया के लोगों को लाभ होगा। प्रथम चरण में रांची, मेदिनीनगर, हुसैनाबाद और झुमरीतिलैया में जलापूर्ति के लिए 1168 करोड़ रुपये की योजना बनायी गयी है। इसके लिए एशियाई विकास बैंक प्रथम चरण के तहत 817.80 करोड़ रुपये का ऋण देगा। राज्य सरकार की हिस्सेदारी लगभग 350.40 करोड़ रुपये की होगी।
रांची के 304660 लोगों को मिलेगा पानी
इस परियोजना से रांची शहरी पेयजलापूर्ति फेज 2 ए के तहत 213 एमएलडी का रुक्का में जलशोध संयंत्र के साथ ही बोड़ेया के भरम पहाड़ी पर एक जलमीनार बनाया जायेगा। रांची नगर निगम क्षेत्र के 60932 आवासों यानी लगभग 3,04,660 लोगों को पेयजल मिलेगा। फेज 2 ए के तहत हरिहर सिंह रोड, बरियातु, पहाड़ टोली, खेलगांव, लोवाडीह, कोकर, चुटिया, नामकुम, अनंतपुर, नेपाली बस्ती डोरंडा, कृष्णापुरी, सिरमटोली, रांची स्टेशन, खादगढ़ा, कांटाटोली, पुरुलिया रोड, अहीरटोली, लोअर बाजार, चर्च रोड, कर्बला चौक, अशोक नगर और अरगोड़ा क्षेत्र के आवासों को जलापूर्ति की जाएगी। इस योजना पर 756 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा रांची के रुक्का में 88 करोड़ की लागत से एक 225 एमएलडी का इंटेक वेल भी बनेगा। इस इंटेक वेल से रांची की सभी जलापूर्ति योजनाओं को पेयजल मिलेगा।
हुसैनाबाद के 31515 लोगों को मिलेगा पेयजल
हुसैनाबाद शहरी जलापूर्ति योजना के तहत 6303 आवासों यानी 31,515 लोगों को शुद्ध पेयजल मिलेगा। इस योजना के तहत सोन नदी पर 9.50 एमएलडी का इंटेकवेल बनेगा। 60 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाई जायेगी। मेंहदीनगर, ब्लॉक ऑफिस और अनुमंडल कार्यालय के निकट तीन जलमीनार बनेंगे। इस योजना की लागत 47 करोड़ है।
झुमरीतिलैया के 125000 लोगों को मिलेगा जल
झुमरीतिलैया शहरी परियोजना के तहत लगभग 25000 आवासों यानी 1,25,000 लोग शुद्ध पेयजल से लाभांवित होगे। तिलैया डैम पर इंटेकवेल बनेगा। इसके अलावा 35.5 एमएलडी जलशोध संयत्र और चार नये जलमीनार बनाये जायेंगे। इस योजना में पहले से निर्मित चार जलमीनारों एवं एक 10 एमएलडी के जलशोध संयत्र का भी उपयोग किया जायेगा। इस योजना में 200 किलोमीटर पाइप लाइन बिछायी जायेगी। योजना की लागत 150 करोड़ रुपये है।
मेदिनीनगर के 123555 लोगों को मिलेगा पेयजल
मेदिनीनगर शहरी जलापूर्ति योजना के तहत 24711 आवासों के 1,23,555 लोगों को शुद्ध पेयजल मिलेगा। इस योजना में नार्थ कोयल नदी पर इंटेकवेल बनेगा। 17 एमएलडी का जलशोध संयत्र और चार नये जलमीनार बनेंगे। यहां पहले से पांच जलमीनार एवं एक जलशोध संयत्र उपलब्ध है। 215 किलोमीटर पाइप लाइन बिछायी जायेगी। इस योजना की लागत लगभग 162 करोड़ रुपये है। परियोजनाएं वर्ष 2028 तक पूरी की जानी है। एशियाई विकास बैंक बोर्ड द्वारा इस परियोजना को पहले ही सहमति दी जा चुकी है। एशियाई विकास बैंक के साथ पिछले 11 जून को इस परियोजना से संबंधित लोन निगोसिएशन भी हो चुका है।
शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना प्राथमिकता
नगर विकास सचिव विनय कुमार चौबे ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में सभी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना राज्य सरकार का प्राथमिकता है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए त्रिपक्षीय समझौता किया गया है। इन परियोजनाओं से राज्य को लाभ मिलेगा। आगे भी आर्थिक रूप से पिछड़े लेकिन महत्वपूर्ण शहरों के विकास के निरंतर कार्य किये जाते रहेंगे।