एमजीएम अस्पताल का सर्वर हैक कर साइबर ठगों ने जारी कर दिये 74 जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र

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लोगों के अकाउंट से पैसे की अवैध निकासी की खबरें आप सुनते रहे हैं। अब जमशेदपुर स्थित एमजीएम मेडिकल कॉलेज का सर्वर हैक कर जालसाजों ने 74 जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर डाले। मामले का खुलासा तब हुआ, जब जिला सांख्यिकी विभाग ने इसे पकड़ा और एमजीएम अस्पताल को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी।

बता दें कि एमजीएम अस्पताल में प्रमाण पत्र बनाने के लिए उपाधीक्षक अधिकृत होते हैं। ठगों ने अस्पताल के डिप्टी रजिस्ट्रार के नाम से फेक आईडी बना कर जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिये। एमजीएम अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. नारायण उरांव ने बताया कि जिला सांख्यिकी विभाग की तरफ से अस्पताल को पत्र मिला है। इसमें कहा गया है कि अस्पताल में डिप्टी रजिस्ट्रार के आईडी से जन्म एवं मृत्यु का प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है। सांख्यिकी विभाग ने पत्र में कहा है यदि अस्पताल की ओर से इस नाम से कोई आईडी बनाया गया है, तो इसकी जानकारी दी जाए।

इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ, जब जिला सांख्यिकी विभाग ने एमजीएम के डिप्टी रजिस्ट्रार के आईडी से जारी तीन प्रमाण पत्रों की जांच की। तीनों फर्जी निकले। आगे जांच करने पर पता चला कि उस आईडी से 74 ऐसे प्रमाण पत्र बनाए गए हैं। डॉ नारायण उरांव ने बताया कि ठगों ने एमजीएम अस्पताल निबंधन इकाई के अंतर्गत उपनिबंधक जन्म और मृत्यु का फेक आईडी (जेएच 90067 एसआर) बना लिया था और जन्म एवं मृत्यु का प्रमाण पत्र जारी कर रहे थे। डॉ उरांव ने बताया कि उक्त आईडी से निर्गत सभी जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया गया है। उपाधीक्षक ने कहा कि अस्पताल ने इस नाम से कोई आईडी नहीं होने की जानकारी सांख्यिकी विभाग को दे दी है।

अस्पताल ने विभाग से आग्रह किया है कि इस मामले को लेकर साइबर थाने में मामला दर्ज कराने के साथ ही इस आईडी से बने सभी जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्रों को रद्द कर दिया जाये। अस्पताल से मिली सूचना के बाद साकची थाने को इसकी जानकारी दिए जाने के बाद उस आईडी से बनाए गए सभी प्रमाण पत्रों को रद्द कर दिया गया है। साथ ही अस्पताल के आईडी को भी बदल दिया गया है। उपाधीक्षक ने बताया कि फर्जी आईडी के माध्यम से जुलाई माह से ही जाली जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाये जा रहे थे।