मुंबई से सटे पालघर जिले में रहने वाले एक मछुआरे की किस्मत ने इस तरह करवट बदली कि रातोंरात वह करोड़पति बन गया। पालघर जिले के मुरबे गांव के चंद्रकांत तरे अपने आठ साथियों के साथ मछली पकड़ने समुद्र में गए थे। उनके जाल में एक-दो नहीं, बल्कि 157 से घोल मछलियां फंस गई।
इस एक मछली की कीमत बाजार में 85 हजार रुपये से एक लाख तक होती है। चंद्रकांत की टीम से यूपी और बिहार से आए व्यापारियों ने नीलामी में ये मछलियां 1.33 करोड़ रुपये में खरीद ली। ये विशेष प्रकार की मछलियां समुद्र में प्रदूषण की मात्रा बढ़ जाने के कारण ये विशेष मछलियां किनारे पर आसानी से नही मिलती हैं। इन मछलियों के लिए मछुआरों को समुद्र के बेहद अंदर तक जाना होता है। सभी मछुआरे समुद्र किनारे से 20 से 25 मील अंदर वाधवान की ओर गए थे। बता दें कि घोल मछली में कई औषधीय गुण होते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम ‘प्रोटोनीबिया डायकैंथस’ है। यह एक प्रकार की क्रोकर मछली है। इसे ‘सोने के दिल वाली मछली’ भी कहा जाता है।
इसका इस्तेमाल चिकित्सकीय इलाज, दवाइयों, कॉस्मेटिक्स के लिए इस्तेमाल होता है। इसलिए एक मछली की कीमत हजारों में होती है। इनकी थाईलैंड, इंडोनेशिया, जापान, सिंगापुर जैसे देशों में बहुत मांग रहती है। सर्जरी के लिए इस्तेमाल होने वाले स्वयं गल जाने वाले धागे इसी मछली के इस्तेमाल से बनाए जाते हैं।