पश्चिम बंगाल में बीजेपी को बड़ा झटका, ‘राजनीति छोड़ने’ के बाद TMC में शामिल हुए बाबुल सुप्रियो

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कोलकता। पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो आज औपचारिक रूप से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए। हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद सुप्रियो ने भाजपा छोड़ दी थी। उन्होंने राजनीति से संन्यास की भी घोषणा की थी। उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने टीएमसी की सदस्यता दिलाई। इस दौरान सांसद डेरेक ओ’ब्रायन भी मौजूद थे।

टीएमसी के कुणाल घोष ने बाबुल सुप्रियो के टीएमसे में शामिल होने पर कहा, ”भाजपा के कई नेता टीएमसी नेतृत्व के संपर्क में हैं। वे भाजपा से संतुष्ट नहीं हैं। एक (बाबुल सुप्रियो) आज शामिल हुए, दूसरा कल शामिल होना चाहता है। यह प्रक्रिया चलती रहेगी। रुकिए और देखते रहिए।”

राजनीति छोड़ने का मेरा फैसला गलत और भावनात्मक
इस्तीफा देने के बाद बाबुल सुप्रियो ने कहा है कि टीएमसी में आने के बाग गर्व महसूस हो रहा है। उन्होंने कहा, ”जब मैंने कहा था कि मैं राजनीति छोड़ दूंगा तो इसका मतलब मेरे दिल से था। हालांकि, मुझे लगा कि एक बहुत बड़ा अवसर मुझे (टीएमसी में शामिल होने पर) सौंपा गया था। मेरे सभी दोस्तों ने कहा कि राजनीति छोड़ने का मेरा फैसला गलत और भावनात्मक था।”

उन्होंने कहा, ”मुझे बहुत गर्व है कि मैं अपना फैसला बदल रहा हूं। मैं बंगाल की सेवा करने के महान अवसर के लिए वापस आ रहा हूं। मैं बहुत उत्साहित हूं। मैं सोमवार को दीदी (सीएम ममता बनर्जी) से मिलूंगा। गर्मजोशी भरे स्वागत से अभिभूत हूं।” आगे उन्होंने कहा, ‘दीदी और अभिषेक ने मुझे बहुत अच्छा मौका दिया है। चूंकि मैं टीएमसी में शामिल हो गया हूं, इसलिए आसनसोल में अपनी सीट पर बने रहने का कोई मतलब नहीं है। मैं आसनसोल की वजह से राजनीति में आया हूं। मैं उस निर्वाचन क्षेत्र के लिए यथासंभव प्रयास करूंगा।’

फेसबुक पर राजनीति छोड़ने की घोषणा कर सबको हैरत में डालने के अगले दिन बाबुल सुप्रियो ने कहा था कि उन्होंने भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की, लेकिन उन्होंने अपने अगले कदम के बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। आसनसोल के सांसद ने एक टीवी चैनल से कहा कि भविष्य में मैं क्या करता हूं यह तो वक्त ही बताएगा। सुप्रियो ने संकेत दिया था कि इस्तीफे का निर्णय आंशिक रूप से उन्होंने मंत्री पद जाने और भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के नेतृत्व के साथ मतभेदों के कारण लिया था।

आसनसोल से दो बार के सांसद 50 वर्षीय सुप्रियो उन कई मंत्रियों में शामिल थे, जिन्हें 7 जुलाई को एक बड़े फेरबदल के तहत केंद्रीय मंत्रिपरिषद से हटा दिया गया था। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के अरूप बिस्वास के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।