बड़ी खबर बिहार से आयी है। राज्य में बड़े पैमाने पर मेडिकल (एमबीबीएस) के छात्र फेल हो गये हैं। जिसके बाद उनका गुस्सा सातवें आसमान पर है। जानकारी के मुताबिक 40% मेडिकल छात्र फेल हुए हैं, जिसका कारण कोरोना बताया जा रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि जो छात्र मेडिकल में टॉपर आने का कयास लगा रहे थे, वो भी फेल हो गये।
6 महीने के बाद परिणाम घोषित होने के बाद 2019 बैच के एमबीबीएस स्टूडेंट्स गलत मूल्यांकन का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि कोरोना काल में यह बड़ी नाइंसाफी छात्रों के साथ की गयी है। फेल हुए स्टूडेंट्स का आरोप है कि आंसर शीट मूल्यांकन में गड़बड़ी के कारण मेरिट रिस्ट में फर्स्ट टॉपर और सेकेंड टॉपर में बड़ा गैप है। फर्स्ट टॉपर का अंक 675 है, तो सेकेंड टॉपर का अंक 620 है।
ऐसे गेस से साफ हो रहा है कि मूल्यांकन पूरा ध्यान लगा कर नहीं किया गया है। छात्रों ने दोबारा उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन कराये जाने की मांग की है, लेकिन इस पर अभी तक सहमति नहीं बनी है। छात्रों ने बताया कि एमबीबीएस का सिलेबस काफी कठिन होता है और कोरोना काल में खुद से ऑनलाइन पढ़ाई कर एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स का मूल्यांकन संतोषजनक नहीं होना काफी दुखद है।