रांची। एक कहावत है तू डाल-डाल, तो मैं पात-पात। यह बात यहां सटीक बैठती है। साइबर अपराधियों ने अब ऐसी तरकीब निकाली है, जिससे पुलिस के लिए मुश्किलें और बढ़ गयी हैं। साइबर अपराधियों ने कमीशन पर कई बैंक के खाता धारकों को अपने गिरोह में शामिल कर लिया है। हालांकि इन्हें ये जानकारी नहीं होती कि वो साइबर फ्रॉड कौन है और उसका ठिकाना कहां है।
इस तरह के मामले का खुलासा रांची पुलिस ने किया है, जिसमें एक ऐसा व्यक्ति पुलिस के हत्थे चढ़ा है, जो मजदूरी या छोटे-मोटे काम करता था, लेकिन उसका बैंकिंग ट्रांजेक्शन देख पुलिस के भी होश उड़ गये हैं। महज 2 वर्षों में ही आरोपी के खाते से 20 लाख का ट्रांजेक्शन हुआ है। राजधानी रांची के सदर थाने से जुड़े एक मामले में इस बात का खुलासा हुआ है कि 10% कमीशन पर साइबर अपराधियों ने एक शख्स के बैंक अकाउंट को लिया था।
गिरफ्तार आरोपी ने पुलिस को दिये बयान में इस बात का खुलासा किया है कि विगत 4 वर्षों से साइबर अपराधियों के साथ उसकी सांठ-गांठ है। उसके खाते में साइबर फ्रॉड के पैसे आते थे, जिसके बाद साइबर अपराधी उन पैसों को खाते से निकाल लेते थे। इसके एवज में उसे 10% कमीशन मिल जाया करता था। गिरफ्तार शख्स का नाम नुरुल होदा है और वो देवघर जिले के मोहनपुर का रहनेवाला है। नुरुल लंबे समय से साइबर अपराधियों के साथ काम कर रहा था और ये बात उसने पुलिस के समक्ष स्वीकार की है।