उत्तर प्रदेश के संभल के बैनीपुर चक गांव में भाई सिर्फ इसलिए राखी नहीं बंधवाते कि कहीं उपहार में बहन जायदाद न मांग लें। जी हां, ये बात थोड़ी अजीब है लेकिन यही कारण है कि बीते तीन सौ सालों से अधिक समय से इस गांव में राखी नहीं मनाई गई।
संभल से आदमपुर मार्ग पर पांच किलोमीटर दूर बैनीपुर चक गांव में राखी नहीं मनाई जाती। इसके पीछे की मान्यता के बारे में गांव के 75 वर्षीय सौदान बताते हैं कि उनके पूर्वज अलीगढ़ में अतरौली के सेमरई गांव के जमींदार थे। उनके परिवार में कोई बेटी नहीं थी। इसके कारण परिवार के बेटे गांव की ही दूसरी जाति के परिवार की बेटियों से राखी बंधवाने लगे। बताते हैं कि राखी पर एक बेटी ने राखी बांधकर उपहार में परिवार की जमींदारी मांग ली।
परिवार ने भी राखी का मान रखा और गांव की जमींदारी दूसरी जाति को सौंपकर गांव छोड़ दिया और संभल के बैनीपुर चक में आकर बस गए। तभी यादवों के मेहर व बकिया गोत्र के लोग राखी नहीं मनाते।