कबूल। अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद तालिबान ने पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उसने दुनिया और खासकर अफगानिस्तान की महिलाओं को कई चीजों का भरोसा दिलाते हुए अपना एक बदला हुआ चेहरा पेश करने की कोशिश की।
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने इस्लामी कानून के तहत महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने का वादा किया और अपना विरोध करने वालों को माफी देने तथा देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने जैसी कई घोषणाएं की हैं।
देश और दुनिया किए ये सात वादे
- अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ साजिश रचने, हमला करने के लिए नहीं होने दिया जाएगा.
- किसी भी अंतरराष्ट्रीय दूतावास या संस्था को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा. उनको तालिबान द्वारा ही सुरक्षा दी जाएगी.
- महिलाओं को शरिया कानून के तहत अधिकार और आजादी देंगे. हेल्थ सेक्टर और स्कूलों में वे काम कर सकेंगी.
- मीडिया को स्वतंत्र रूप से काम करने देंगे. प्रवक्ता ने यहां किंतु-परंतु की गुंजाइश छोड़ते हुए कहा कि, ‘बस पत्रकार अफगानिस्तान के मूल्यों का ख्याल रखकर काम करेंगे.’
- प्रवक्ता ने कहा कि अफगान युद्ध अब खत्म हो गया है. जिसने भी बीते वक्त में तालिबान के खिलाफ युद्ध लड़ा, उसको तालिबान माफ करता है. किसी भी देश-व्यक्ति से बदला लेने का इरादा नहीं है. इसमें पूर्व सैनिक, पूर्व अफगान सरकार के सदस्य भी शामिल हैं.
- अफगानिस्तान में कोई किसी को किडनैप नहीं कर सकेगा. कोई किसी की जान नहीं ले सकेगा. आम लोगों की सुरक्षा को बढ़ाया जाएगा.
- ऐसी कानून व्यवस्था स्थापित की जाएगी, जिसमें लोग शांति से रह सकेंगे. देश की अर्थव्यवस्था और लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा.