आनंद कुमार सोनी
लोहरदगा। झारखंड के लोहरदगा के शहरी क्षेत्र का शास्त्री नगर ढोंढाटोली घनी आबादी वाला क्षेत्र है। यहां अचानक हिंडाल्को कंपनी का बॉक्साइट पत्थर से भरा रोपवे का बोकेट सोमवार को गिर गया। बोकेट के गिरने से तीन बाईक समेत एक मकान को भारी क्षति हुई। मौके पर सदर थाना क्षेत्र के पुलिस दलबल के साथ पहुंचकर मामले की जांच करने में जुट गयी है। घटना 2 अगस्त की है।
उक्त मुहल्ले के सुमति देवी (पति इन्द्रू लोहरा) के घर के ऊपर बॉक्साइट से भरा बोकेट गिरा। लोगों का कहना है कि रोपवे ट्रॉली के नीचे अक्सर लोगों का आवागमन होता रहता है। घर के दरवाजे से निकलते ही खतरे का सामना करना पड़ता है। पूर्व में भी ऐसी कई घटनाएं हो चुकी है। इसी मुहल्ले के एक बच्चे की जान भी जा चुका है, लेकिन हिंडाल्को कंपनी किसी की कुछ नही सुनती। अपनी मनमानी करती रही है। जान जाने के बाद जाली सुरक्षा गार्ड लगा दिया गया था।
रोपवे भी ब्रिटिश जमाने का लगा हुआ है। काफी पुराना और कमजोर हो चुका है। ट्रॉली सुरक्षा गार्ड के 20 फीट ऊपर से माल ढुलाई कर रही है। टूटने और गिरने के बाद किसी की भी जानमाल की हानि हो सकती है। आज जान तो बच गई, लेकिन मकान और गाड़ी को भारी नुकसान हुआ है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि कंपनी आज तक सिर्फ अपने फायदे का काम कर रही है। दिन रात बॉक्साइट की ढुलाई ट्रॉली से की जाती है। ट्रॉली में बॉक्साइट ओवर लोड रहता है। पत्थर की ढुलाई दिन रात होती रहती है। इससे वायु के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण भी होता है। रोपवे के आसपास क्षेत्र के लोगों का जीना दूभर हो गया है। लोगों में भय व्याप्त है। वहीं ध्वनि प्रदूषण से छात्रों का पढ़ाई पर भी प्रभाव पड़ता है। ऊपर से लोगों की नींद हराम होती गया है। इसके कारण लोग कई प्रकार की बीमारी से भी ग्रस्त हो रहे हैं।
स्थानीय समाजसेवी दिलीप पटनायक ने बताया कि हिंडाल्को इतनी बड़ी कंपनी है। इसके बावजूद क्षेत्र में किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिलती है। ना ही बिजली-पानी, ना शिक्षा और स्वास्थ्य पर ही कंपनी खर्च करती है। शहर के अंदर एक हॉस्पिटल जरूर है, पर किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं है। डॉक्टर भी नहीं होते हैं।
लोगों ने बताया कि लोहरदगा बगड़ू मुख्यमार्ग पर बने ब्रीज के ऊपर रोपवे ट्रॉली सुरक्षा गार्ड की जाली पिछले एक माह से ज्यादा टूटे हुए हो गए है। आये दिन लोहरदगा बगड़ू मुख्य मार्ग पर जाली टूटे होने के कारण बॉक्साइट का गिरना आम हो गया है। लोगों को आरपार होने के क्रम में बड़ी दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। जानकारी होने के बाद भी हिंडाल्को प्रबंधन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। इससे लोगों में आक्रोश है।