रांची। राज्य सूचना आयोग के निष्क्रिय रहने और आयोग में सूचना का अधिकार (आरटीआई) मामलों की सुनवाई नहीं होने पर झारखंड हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। अदालत ने इस मामले में मुख्य सचिव से जवाब तलब किया है। हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को छह सप्ताह में यह बताने को कहा है कि सूचना आयोग फंक्शनल क्यों नहीं है? कब से यह फंक्शनल होगा? आयोग में लंबित अपील की संख्या की भी जानकारी अदालत ने मांगी है।
प्रार्थी मनोज कुमार ने इस मामले में याचिका दायर की है। इसपर सुनवाई करते हुए जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने यह निर्देश दिया। प्रार्थी ने बताया कि आरटीआई के तहत जानकारी मांगने पर राज्य के जन सूचना पदाधिकारी जानकारी नहीं दे रहे हैं। मामला सूचना आयोग में जाकर लंबित हो जा रहा है। आयोग में एक भी सूचनायुक्त सुनवाई करने वाले नहीं हैं।
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सोमवार को सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि सूचना के अधिकार के तहत उन्होंने जानकारी मांगी थी। जो जानकारी उन्होंने मांगी थी, उसका पूरा ब्योरा नहीं दिया गया। प्रथम अपील में भी उन्हें सूचनाएं नहीं दी गयीं। उसके बाद आयोग में उन्होंने द्वितीय अपील की। इसकी सुनवाई लंबित है। यह जनहित का एक गंभीर मामला है।
प्रार्थी ने कहा कि सरकार मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्तों का सिर्फ विज्ञापन निकालकर इसे ठंढे बस्ते में डाल दी है। नियुक्ति नहीं की जा रही है। संवैधानिक संस्था सूचना आयोग को चलाने में राज्य सरकार की कोई रुचि और दिलचस्पी नहीं है। इसके बाद अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव से जवाब तलब किया है।