Good News : उन्नत परीक्षण के लिए प्रोन्नत की गई बीएयू की तीसी फसल की दो किस्में

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रांची। झारखंड के लिए अच्छी खबर। बिरसा कृषि विवि की प्रारंभिक परीक्षण की दो तीसी फसल किस्मों को उन्नत किस्म परीक्षण के लिए प्रोन्नत किया गया है। तीसी कार्य समूह की वार्षिक बैठक में यह न‍िर्णय हुआ। विश्वविद्यालय में तीसी अनुसंधान से जुड़े दो वैज्ञानिक डॉ सोहन राम और डॉ एमके वर्णवाल ने वर्चुअल मोड में बैठक में भाग लिया। इस राष्ट्रीय बैठक में बीएयू द्वारा देश में सबसे अधिक तीसी जर्म प्लाज्म (3 हजार से अधिक) के सफल संरक्षण कार्य की सराहना की गई।

आईसीएआर-एआईसीआरपी प्रायोजित इस तीसी अनुसंधान परियोजना का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय एवं राज्यस्तर पर तीसी फसल की उच्च गुणवत्तायुक्त अधिक उपज और अधिक तेल की मात्रा वाली किस्मों को विकसित से करना है। इस संयुक्त अनुसंधान प्रयास में बिरसा कृषि विवि द्वारा प्रारंभिक परीक्षण की दो तीसी फसल किस्मों को वैज्ञानिक कार्य समूह की बैठक में उन्नत किस्म परीक्षण के लिए प्रोन्नत किया गया है।

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बीएयू के तीसी शोध परियोजना प्रभारी डॉ सोहन राम ने बताया कि विवि में सूखारोधी के लिए बीएयू-2019-13 किस्म और सिंचित अवस्था के लिए बीएयू-2019-03 किस्म का स्टेशन ट्रायल के माध्यम से प्रारंभिक परीक्षण शोध कार्यक्रम काफी सफल रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर तीसी के दोनों किस्मों को परीक्षण में बेहतर पाया गया है। इन किस्मों में करीब 24 प्रतिशत अधिक उपज और करीब 16 प्रतिशत ज्यादा तेल की मात्रा पाई गई है।

बताते चले कि राष्ट्रीय स्तर पर तीसी फसल अनुसंधान के क्षेत्र में बीएयू का उल्लेखनीय योगदान है। विवि द्वारा विकसित तीसी की दो किस्में दिव्या एवं प्रियम को सेंट्रल वेराइटल रिलीज कमेटी से नोटीफाई है। दोनों किस्में नेशनल सीड चैन में शामिल है। हाल ही में स्टेट वेराइटल रिलीज कमिटी ने दिव्या, प्रियम एवं बिरसा तीसी-1 किस्मों को अनुशंसित किया है। सेंट्रल से नोटीफाई होने के बाद तीनों किस्मों को स्टेट सीड चैन में आ जाएंगी।