एसीसी ने स्वतंत्रता दिवस पर रिलीज की शॉर्ट फिल्म ‘भुज की भुजाएं’

देश बिज़नेस मुंबई
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मुंबई। एसीसी लिमिटेड कंपनी 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान 300 महिलाओं की वीरता और शौर्य को सलाम करते हुए अपनी एक लघु फिल्म ‘भुज की भुजाएं’ रिलीज की। यह लघु फिल्म ‘भुज – द प्राइड ऑफ इंडिया’ फीचर फिल्म के साथ एसीसी के जुड़ाव से प्रेरित है, जो बहादुरी, देशभक्ति और दृढ़ संकल्प की कहानी है।

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लघु फिल्म राष्ट्र निर्माण से जुड़े जज्बात को पेश करती है। ‘भुज की भुजाएं’ में 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित एक सच्ची कहानी को दर्शाया गया है, जब पाकिस्तान वायु सेना ने 14 से अधिक नेपाम बम गिराकर भुज हवाई पट्टी पर बमबारी की थी। हवाई पट्टी को युद्ध स्तर पर पुनर्निर्मित करने की आवश्यकता थी। पास के गांव की 300 स्थानीय महिलाओं ने अपने घरों से बाहर कदम रखा और हवाई पट्टी की मरम्मत के असंभव कार्य को अंजाम दिया। अपनी जान जोखिम में होने के बावजूद उन्होंने महज 72 घंटों में रनवे का निर्माण किया, ताकि एयरफोर्स इसे फिर से काम में ले सके। उनके इन साहसिक प्रयासों ने भारत को युद्ध में एक मजबूत स्थिति हासिल करने में मदद की, जिससे अंततः हमारी जीत हुई।

इस शॉर्ट फिल्म में आवाज जाने-माने अभिनेता आशीष विद्यार्थी ने दी है। फिल्म में इस प्रेरक कहानी के पूरे आख्यान को प्रदर्शित करने के लिए एसीसी की पैकेजिंग को एक कैनवास के रूप में इस्तेमाल किया गया है, जिसमें हर फ्रेम क्रमिक रूप से गर्व की कहानी को उजागर करता है। इन महिलाओं को समर्पित गीत में कविता के माध्यम से कहानी सुनाई गई है, जो इतिहास बनाने की उनकी वीरता, मेहनत, निडरता और राष्ट्र निर्माण की भावना का वर्णन करता है। धैर्य और साहस का यह अनूठा कार्य भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण था जिसने न केवल मनोबल को बढ़ाया बल्कि भारत को युद्ध जीतने में भी मदद की।

एसीसी लिमिटेड के एमडी और सीईओ श्रीधर बालकृष्णन ने कहा, ‘एसीसी लिमिटेड राष्ट्र के निर्माण से संबंधित एक लंबे समय तक चलने वाले कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम एक स्थायी राष्ट्र-निर्माण की कहानी को देशभक्ति की एक सच्ची घटना के माध्यम से दर्शकों के सामने पेश करें। इस साल 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाते हुए, हम इतिहास रचने वाली इन महिलाओं की महाकाव्य गाथा से प्रेरणा लेकर अपने देश के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत करना चाहते हैं। हमारा प्रयास हमेशा हमारे राष्ट्र के लिए एक मजबूत भागीदार और ‘प्रगति के निर्माता’ बनने का होगा।’