- उपायुक्त को वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए कार्रवाई की मांग की
लातेहार। झारखंड में विकास का गजब गोरखधंधा चल रहा है। इसे जानकर हर कोई हैरान है। ग्रामीणों से जानकारी मिलने पर कांग्रेस, माकपा और झारखंड आंदोलनकारियों ने इलाके का दौरा किया। उपायुक्त अबु इमरान और डीएफओ को पूरी बातों से अवगत कराया। कार्रवाई की मांग की।
यह मामला लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड की चेतर पंचायत के ग्राम रूद की गुंजराय टोला का है। गुंजराय टोला के ग्रामीण महेश सिंह, जयराम महतो, विनोद सिंह ने करीब तीन वर्ष तत्कालीन उपायुक्त राजीव कुमार से पेयजल संकट की शिकायत की थी। जलमीनार और डीप बोरिंग लगाने की मांग की थी। इसके बाद उपायुक्त ने क्षेत्र का भ्रमण किया। पानी समस्या देखकर उन्होंने गुंजराय टोला में जलमीनार की टंकी, सोलर, मोटर पाईप पिलर समेत पूरा सामान वाहन से भेजा। उक्त ग्रामीणों की देखरेख में जलमीनार लगाया गया।
इस जलमीनार पर ‘जिला प्रशासन फंड’ से निर्मित होने की तख्ती लगी थी। इसे वन विभाग के कर्मियों ने रंग से मिटाकर उसकी जगह ‘वन प्रक्षेत्र चंदवा, वन प्रमंडल, लातेहार’ लिख दिया। वन विभाग के कर्मियों द्वारा जलमीनार में लिखे ‘जिला प्रशासन फंड’ को जब मिटाया जा रहा था, तब ग्रामीणों ने इसका विरोध भी किया। इसके बाद भी वन कर्मी नहीं माने। गत 27 जुलाई, 2021 को जिले के सहायक वन संरक्षक को भी चंदवा वन विभाग के कर्मियों ने इस जलमीनार को दिखाया। यह जलमीनार रैयती भूमि पर है।
ग्रामीणों ने बताया कि इसी स्थान पर करीब 3 वर्ष पूर्व वन विभाग चंदवा ने सिंगल पाईप के सहारे एक जलमीनार लगाया था। वह छह माह के अंदर ही गिर गया था। इसके बाद वन विभाग के कर्मी जलमीनार ठीक कराने के बजाय उसे खोलकर ले गए थे।
वन विभाग के कर्मियों की हरकत की शिकायत ग्रामीणों ने कांग्रेस, माकपा और झारखंड आंदोलनकारी नेताओं से की। इसके बाद कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद प्रतिनिधि असगर खान, झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा के सचिव जितेंद्र सिंह, माकपा नेता सह सामाजिक कार्यकर्ता अयुब ने गांव का दौरा किया। ग्रामीणों से मुलाकात कर जानकारी हासिल की। नेताओं ने कहा कि वन विभाग से जुड़े पदाधिकारी और वन कर्मियों ने लातेहार के सहायक वन संरक्षक को भी इस जलमीनार को दिखाया। अपने विभाग के फंड से बना बताया। अब यह पूरा मामला संदिग्ध लग रहा है।
नेताओं ने कहा कि जिला प्रशासन के फंड से बने जलमीनार को अपना जलमीनार दिखाकर लाखों रुपये की सरकारी राशि बंदरबांट करने की बू आ रही है। नेता और ग्रामीणों ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांचकर कार्रवाई करने की मांग उपायुक्त अबु इमरान और डीएफओ से की है। मौके पर ग्रामीण अजय भुइंया, संम्पतिया देवी, बीना देवी, रेखा देवी मौजूद थे।