फादर स्टेन स्वामी के संघर्ष को जन आंदोलन का रूप देने का संकल्प

झारखंड
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रांची। झारखंड की राजधानी रांची स्थित कांटाटोली चौक में 10 जुलाई को फादर स्टेन स्वामी को श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर प्रतिरोध सभा इप्टा, प्रलेश, एआइएसएफ, आदिवासी महासभा के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। इसका नेतृत्व इप्टा के राज्य अध्यक्ष श्यामल मलिक, छात्र संघ के मेहुल मृगेंद्र, फरजाना फारूखी एवं आलोक कुजूर ने किया। इसमें फादर स्टेृन स्वामी के संघर्ष को जन आंदोलन का रूप देने का संकल्प लिया गया।

इप्टा के श्यामल मलिक ने कहा कि‍ फादर स्टेन स्वामी को साजिश के तहत केंद्र सरकार ने झारखंड का जल, जंगल, जमीन लूटने के लिए जेल भेजा। उनकी मौत से देश के सामाजिक एवं राजनीतिक सगंठन और दबे कुचले शोषित पीड़ित की आवाज उठाने वाले में काफी गुस्सा है। एआईएसएफ के प्रदेश अध्यक्ष मेहुल मृगेंद्र ने कहा कि‍ फादर स्टेंन स्वामी के आंदोलन को कुचलने नहीं दिया जाएगा। पूरे राज्य में केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरोध में आंदोलन तेज किया जाएगा।

इप्टा की नेत्री फरजाना फारूकी ने कहा कि‍ फादर स्टेन स्वामी को शहीद की दर्जा मिलनी चाहिए। आदिवासी नेत्री अलोका कुजुर ने कहा कि‍ वे हमेशा हमारे बीच वैचारिक रूप से जिंदा रहेंगे। हम उनके संघर्षों को आगे बढ़ाएंगे। सुशांत मुखर्जी ने कहा कि‍ भाजपा की सरकार ने उनकी हत्या की, लेकिन उनके विचारों की हत्या नामुमकिन है।

आदिवासी महासभा की ओर से अजय सिंह ने कहा कि‍ वे आदिवासी और दलितों के बीच एक सेतु का काम करते थे। झारखंड की सांस्कृतिक विरासत के पुरोधा थे। प्रतिरोध सभा में श्यामल चक्रवर्ती, इफ्ताखार अहमद, सपना समद, बिरसी गोसाई, पूनम कुजूर, अंकित बखला, कलावती देवी, डोरोथी सुरीन, ललिता तिर्की, उर्मिला कुजूर, फुलमनी बारला, मनोज ठाकुर, वीरेंद्र विश्वकर्मा भी उपस्थित थे।