जेआरडी टाटा की जयंती पर उनकी दूरदर्शिता को टाटा स्टील ने किया सलाम

झारखंड
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जमशेदपुर। एक विकसित और खुशहाल देश के लिए जहांगीर रतनजी दादाभाई (जेआरडी) की दूरदर्शिता का जश्न मनाते हुए टाटा स्टील ने आज उनकी 117वीं जयंती पर अपने सभी प्लांट परिसरों और कार्यालयों में 29 जुलाई को कई कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए। इनमें से अधिकांश सहभागिता गतिविधियों का आयोजन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किया गया था।

फिटनेस और खेल के प्रति जेआरडी टाटा के जुनून का सम्मान करते हुए दिन की शुरुआत वर्चुअल वॉकथॉन में 320 से ज्यादा टाटा स्टील कर्मचारियों की भागीदारी के साथ हुई। इसके बाद एक डिजिटल श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां कंपनी के वरिष्ठ नेतृत्व और कर्मचारियों ने मिलकर उस महान पथप्रदर्शक को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने आधी सदी से अधिक समय तक टाटा समूह के विकास को गति दी।

सीईओ और प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन ने अपनी श्रद्धांजलि में कहा, ‘जेआरडी टाटा समूह की भावना और मूल्यों के प्रतीक हैं। उन्होंने कई दशकों तक समूह और टाटा स्टील की तकदीर को संवारा है। उनके पत्र लोगों के प्रति उनकी चिंता और उत्कृष्टता के लिए उनके जुनून को व्यक्त करते हैं। हर बार जब हम उनका जन्मदिन मनाते हैं, तो यह हमारे लिए उनकी विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लेने का अवसर होता है।‘

आज के दिन इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुधा मूर्ति के साथ एक प्रेरक सत्र आयोजित किया गया। श्रीमती मूर्ति, जिन्होंने टेल्को (अब टाटा मोटर्स) के साथ अपना करियर शुरू किया था, ने टाटा स्टील के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एवं चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर कौशिक चटर्जी के साथ एक परिचर्चा सत्र में भाग लिया, जहां उन्होंने कॉर्पोरेट जगत में नैतिक अभ्यासों के महत्व पर बात की। पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित हस्ती, जिन्होंने 1982 में टाटा समूह छोड़ने से पहले जेआरडी टाटा के साथ बातचीत की थी, ने कहा, ‘मैंने जेआरडी से जो भी सीखा और टाटा के साथ काम करने का मेरा अनुभव, हमेशा मेरे साथ रहेगा। उन्होंने उदार होने के साथ-साथ अपने कर्मचारियों, विशेष रूप से महिला कर्मचारियों का ध्यान रखने को महत्व दिया। जिस तरह से जेआरडी ने अपना जीवन जिया, उसने मुझे एक साधारण जीवन जीने के लिए प्रेरित किया, चाहे आपका पद कुछ भी हो।‘

बाद में टाटा स्टील के पूर्व प्रबंध निदेशक डॉ जमशेद जे ईरानी के साथ एक वर्चुअल इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन किया गया। टाटा स्टील के कर्मचारियों के साथ अपनी आभासी बातचीत में डॉ ईरानी ने उपस्थित लोगों को उपाख्यानों और जेआरडी टाटा के साथ काम करने के अपने अनुभवों से प्रेरित किया, जिन्हें वे अपना गुरु मानते थे। जेआरडी टाटा के साथ अपने दशकों तक लंबे जुड़ाव की कहानियों के साथ, डॉ ईरानी ने उन मूल्यों, परंपराओं और बिजनेस एथिक्स से मिले जीवन के सबक के बारे में बात की, जिसका इस दूरदर्शी नेतृत्वकर्ता ने जीवन भर अनुपालन किया, और जो टाटा स्टील की प्रेरक शक्ति बनी हुई है।

जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में टाटा स्टील के कॉर्पोरेट सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट चाणक्य चौधरी ने जेआरडी टाटा के 30 फुट के भित्ति चित्र का अनावरण किया। भावी खेल प्रतिभाओं को पोषित करने के लिए विश्व स्तरीय सुविधाओं और बुनियादी ढांचे के साथ अत्याधुनिक परिसर का उद्घाटन 1991 में जेआरडी टाटा द्वारा किया गया था। श्री चौधरी ने कहा कि “एक बिजनेस लीडर और परोपकारी के रूप में जेआरडी टाटा की उपलब्धियों ने पीढ़ियों को प्रेरित किया है। लेकिन उन्होंने कई प्रतिभाओं को भी पोषित किया और संस्थानों की स्थापना की जिसने उनके और दूसरों के जीवन को समृद्ध बनाया। एक उत्साही खिलाड़ी और फिटनेस प्रेमी, उन्होंने टाटा स्टील में हमारे इस सिद्धांत को मूर्त रूप दिया कि ‘खेल जीवन का एक मंत्र है‘। जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स लगभग दो दशकों से इस क्षेत्र की खेल प्रतिभा को विकसित करने में सहायक रहा है। यह भित्ति चित्र जेआरडी टाटा की अदम्य भावना के प्रति एक उपयुक्त श्रद्धांजलि है।’’

चौधरी ने जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन (टीएसएएफ) द्वारा स्थापित भारत की पहली आवासीय स्पोर्ट क्लाइंबिंग अकादमी का भी उद्घाटन किया। अकादमी प्रतिभाशाली एथलीटों को प्रशिक्षण सहायता, परामर्श, आवास, बुनियादी ढांचे और उपकरणों के साथ-साथ वैश्विक मंच पर अपनी प्रतिभा बिखेरने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन का अवसर प्रदान करेगी।

उड़ान के प्रति जेआरडी टाटा के जुनून और बच्चों के लिए उनके प्यार का जश्न मनाते हुए, टाटा स्टील के विमानन विभाग के साथ एक अनूठा इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया गया था। गिविंग विंग्स टू योर ड्रीम्स नामक इस सत्र में जमशेदपुर के स्कूलों से 1000 से ज्यादा छात्रों और शिक्षकों की भागीदारी देखी गई। कर्मचारियों को जेआरडी टाटा के व्यक्तिगत पहलुओं से समान रूप से प्रेरित करने के लिए, सेंटर फॉर एक्सीलेंस (सीएफई) ने पुणे में टाटा सेंट्रल आर्काइव्स में स्थित पूर्व चेयरमैन के कार्यालय का एक अनोखा वर्चुअल वॉकथ्रू आयोजित किया। जहां सीएफई ने जेआरडी टाटा के जीवन और समयकाल पर चल रहे प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया, वहीं कल टाटा स्टील कलिंगानगर (ओडिशा) के कर्मचारियों के लिए एक विशेष प्रश्नोत्तरी में कर्मचारियों की जबरदस्त भागीदारी देखी गई।

जेआरडी टाटा, जो 1938 से 1984 तक टाटा स्टील के चेयरमैन थे, को कंपनी के सभी कार्यालयों में श्रद्धांजलि अर्पित की गई, जिसमें नोआमुंडी वेस्ट बोकारो, खोंदबोंद, बिचाकुंडी में कंपनी के मैंगनीज ग्रुप ऑफ माइन्स और जोडा में फेरो अलॉयज प्लांट आदि में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह शामिल हैं।

टाटा स्टील के रॉ मेटेरियल लोकेषंस में समुदाय के साथ विभिन्न सहभागिता गतिविधियां आयोजित की गईं। झारखंड के वेस्ट बोकारो में, जहां कंपनी की अपनी कोयला खदान है, टाटा स्टील फाउंडेशन ने रक्तदान शिविर का आयोजन किया और साथ ही स्थानीय समुदाय के करीब 150 छात्रों को अध्ययन सामग्री वितरित की, जिनकी शिक्षा वे प्रायोजित करते हैं।

नोआमुंडी (झारखंड) और जोडा (ओडिशा) में स्थित टाटा स्टील के लौह अयस्क खनन स्थानों पर, ‘एक लीडर बनने में नैतिकता की भूमिका’ विषय पर एक अंतर-विद्यालय भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। प्रतिभागियों ने जेआरडी टाटा द्वारा अपनाए गए और प्रचारित नैतिक मूल्यों से प्रेरणा ली। जेआरडी टाटा के दर्शन को आगे बढ़ाते हुए, कंपनी के रॉ मेटेरियल्स लोकेशंस  पर काम करने वाले कर्मचारियों ने हमेशा उन समुदायों के साथ जुड़ने और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने की इच्छा जतायी, जिनके साथ वे काम करते हैं।