तकनीकी शिक्षा के‍ लिए छात्राओं को 1 लाख रुपये तक आर्थिक सहायता देगी झारखंड सरकार

झारखंड शिक्षा
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  • उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के प्रस्‍ताव पर सीएम का अनुमोदन

रांची। झारखंड की गरीब मेधावी छात्राओं को राज्य के बाहर के अथवा राज्य के तकनीकी शिक्षण संस्थानों में नामांकन के बाद आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इससे संबंधि‍त योजना प्राधिकृत समिति के लिए संलेख प्रारूप पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अनुमोदन दिया है। यह प्रस्ताव उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग ने तैयार कि‍या है।

उक्त योजना के तहत यह प्रस्ताव है कि राज्य के बाहर अथवा राज्य में स्थित MHRD द्वारा घोषित Overall NIRF Ranking वाले प्रथम 100 संस्थानों/विश्वविद्यालय के AICTE से मान्यता प्राप्त स्नातक/ स्नाकोत्तर स्तर पाठ्यक्रमों (विश्वविद्यालय के मामले में विश्वविद्यालय द्वारा Managed मुख्य कैंपस में ही संचालित उक्त कोर्स) में राज्य के छात्राओं का नामांकन होने पर प्रत्येक वर्ष संबंधित कोर्स के उस बैच के लिए निर्धारित वार्षिक फीस अथवा रुपये 1 लाख मात्र (दोनों में से जो कम हो) आर्थिक सहायता के रूप में दी जाय। यह सहायता अधिकतम 200 छात्राओं को प्रतिवर्ष दिए जाने पर लगभग 2 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष व्यय होने की संभावना है। एक बार चयनित छात्रा को उसके निर्धारित कोर्स अवधि तक के लिए लगातार यह आर्थिक सहायता मिल सकेगी। यदि वह किसी सेमेस्टर/वर्ष में अनुत्तीर्ण नहीं होती हैं।

राज्य के बाहर अथवा राज्य में अवस्थित भारत सरकार के नियंत्रणाधीन प्रतिष्ठित संस्थानों/ विश्वविद्यालय द्वारा Managed मुख्य कैंपस में संचालित अथवा अन्य राज्यों के प्रतिष्ठित सरकारी संस्थानों में संचालित, AICTE से मान्यता प्राप्त स्नातक/स्नाकोत्तर स्तर पाठ्यक्रमों में राज्य के छात्राओं का नामांकन होने पर प्रत्येक वर्ष संबंधित कोर्स के उस बैच के लिए निर्धारित वार्षिक फीस अथवा 50 हजार रुपये मात्र (दोनों में से जो कम हो) आर्थिक सहायता के रूप में दी जाय। यह सहायता अधिकतम 100 छात्राओं को प्रतिवर्ष दिए जाने पर लगभग 50 लाख रुपये प्रतिवर्ष व्यय होने की संभावना है। एक बार चयनित छात्रा को उसके निर्धारित कोर्स अवधि तक के लिए लगातार यह आर्थिक सहायता मिल सकेगी, यदि वह किसी सेमेस्टर वर्ष में अनुत्तीर्ण नहीं होती हैं। उक्त प्रस्ताव के अंतर्गत आर्थिक सहायता के लिए योग्य छात्रा के चयन में बराबरी की स्थिति में प्राथमिकता का आधार क्रमशः छात्रा की बेहतर जेईई मेन रैंकिंग, छात्रा के क्वालीफाइंग एग्जाम का प्राप्तांक एवं जिस छात्रा की आयु अधिक हो, रहेगा।

विभाग अंतर्गत तकनीकी शिक्षण संस्थानों में नामांकन होने की स्थिति में राज्य की बालिकाओं को डिप्लोमा कोर्स के लिए 10 हजार रुपये प्रति वर्ष एवं डिग्री अभियंत्रण कोर्स हेतु 20 हजार रुपये प्रति वर्ष आर्थिक सहायता के रूप में दी जाय। यह सहायता प्रत्येक वर्ष डिप्लोमा के लिए अधिकतम 1500 छात्राओं और डिग्री अभियंत्रण कोर्स के लिए अधिकतम 500 छात्राओं को दिए जाने पर लगभग 2.50 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष व्यय होने की संभावना है। एक बार चयनित छात्रा को उसके निर्धारित कोर्स अवधि तक के लिए लगातार यह आर्थिक सहायता मिल सकेगी, यदि वह किसी सेमेस्टर/वर्ष में अनुत्तीर्ण नहीं होती हैं।