लद्दाख में स्‍थापित होगा एकीकृत बहुउद्देश्यीय बुनियादी ढांचा विकास निगम, मंजूरी

देश नई दिल्ली
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नई दिल्‍ली। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में एक एकीकृत बहुउद्देश्यीय बुनियादी ढांचा विकास निगम की स्थापना होगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसकी मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई।

मंत्रिमंडल ने निगम के लिए 1,44,200- 2,18,200 रुपये के वेतनमान के साथ प्रबंध निदेशक का एक पद सृजित करने को भी मंजूरी दी। निगम का अधिकृत शेयर कैपिटल 25 करोड़ रुपये होगा। आवर्ती व्यय लगभग 2.42 करोड़ रुपये प्रति वर्ष होगा। यह एक नया प्रतिष्ठान है। वर्तमान में नवगठित केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के भीतर ऐसा कोई संगठन नहीं है। इस स्वीकृति में रोजगार सृजन के लिए एक अंतर्निहित क्षमता है, क्योंकि निगम विभिन्न प्रकार की विकास संबंधी गतिविधियों को शुरू करेगा।

निगम उद्योग, पर्यटन, परिवहन और स्थानीय और हस्तशिल्प के उत्पादों के विपणन के लिए काम करेगा। लद्दाख में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए निगम मुख्य निर्माण एजेंसी के रूप में भी काम करेगा। निगम की स्थापना से केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का समावेशी और एकीकृत विकास होगा। इसके बदले में यह पूरे क्षेत्र और केंद्र शासित प्रदेश की आबादी के सामाजिक-आर्थिक विकास को सुनिश्चित करेगा।

पृष्ठभूमि:

i. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के अनुसार तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य के पुनर्गठन के परिणामस्वरूप, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख (विधानमंडल के बिना) 31 अक्टूबर 2019 को अस्तित्व में आया।

ii. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 85 के तहत एक सलाहकार समिति का गठन किया गया था, जो तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य की संपत्ति और देनदारियों के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के बीच विभाजन के संबंध में सिफारिशें करने के लिए थी। उक्त समिति ने अन्य बातों के साथ-साथ अंडमान और निकोबार द्वीप समूह एकीकृत विकास निगम लिमिटेड (एएनआईआईडीसीओ) की तर्ज पर लद्दाख एकीकृत बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड की स्थापना के लिए सिफारिश की है, जिसमें लद्दाख की खास जरूरतों के अनुसार विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों को संचालित करने के लिए एक उपयुक्त जनादेश दिया गया हो।

iii. केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख ने इस मंत्रालय को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में निगम की स्थापना के लिए एक प्रस्ताव भेजा। इसकी सिफारिश अप्रैल, 2021 में वित्त मंत्रालय की स्थापित किए जाने संबंधी समिति (सीईई) द्वारा की गई थी।