Good News : बहरीन भेजा गया पश्चिम बंगाल का फजली आम

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कोलकाता। भारत ने कोविड-19 महामारी की वजह से पैदा हुई ढुलाई संबंधी चुनौतियों के बावजूद इस सीजन में नए देशों तक आम के अपने निर्यात का विस्तार किया है। पश्चिम बंगाल के मालदा जिले से प्राप्त जियोग्राफिकल आइडेंटिफिकेशन (जीआई) प्रमाणित फजली नाम के आम की किस्म की एक खेप बहरीन निर्यात की गई। फजली आम की खेप को एपीडा से पंजीकृत डीएम इंटरप्राइजेज (कोलकाता) ने निर्यात और अल जजीरा समूह (बहरीन) ने आयात किया है।

एपीडा गैर-पारंपरिक क्षेत्रों और राज्यों से आम के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रहा है। वह आम के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए खरीदारों और विक्रेताओं के बीच वचुर्अल बैठकें और फेस्टिवल आयोजित करता रहा है। बहरीन को भेजी गई इस खेप का सौदा एपीडा द्वारा कतर के दोहा में आम से संबंधित प्रचार कार्यक्रम आयोजित करने के कुछ दिनों बाद हुआ। इस प्रचार कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के जीआई प्रमाणित किस्म सहित नौ किस्मों के आम आयातक फैमिली फूड सेंटर के स्टोर में प्रदर्शित किए गए थे।

जिन नौ किस्मों का निर्यात किया गया, उनमें जीआई प्रमाणित खिरसापति (मालदा, पश्चिम बंगाल), लखनभोग (मालदा, पश्चिम बंगाल), फजली (मालदा, पश्चिम बंगाल), दशहरी (मलीहाबाद, उत्तर प्रदेश), आम्रपाली एवं चौसा (मालदा, पश्चिम बंगाल) और लंगड़ा (नदिया, पश्चिम बंगाल) शामिल हैं।

जून, 2021 में बहरीन में एक सप्ताह तक चलने वाले भारतीय आम प्रचार कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें तीन जीआई प्रमाणित खिरसापति एवं लक्ष्मणभोग (पश्चिम बंगाल), जर्दालू (बिहार) सहित आम की 16 किस्मों को प्रदर्शित किया गया था।

बहरीन में इस समूह के 13 स्टोरों के जरिए आम की इन किस्मों का बेचा गया। इन आमों को एपीडा में पंजीकृत निर्यातक द्वारा बंगाल और बिहार के किसानों से प्राप्त किया गया था।

एपीडा आम के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए खरीदारों और विक्रेताओं के बीच वचुर्अल बैठकें और फेस्टिवल आयोजित करता रहा है। इसने हाल ही में जर्मनी के बर्लिनमें ‘मैंगो फेस्टिवल’ का आयोजन किया था।

इस सीजन में पहली बार भारत ने हाल ही में आंध्र प्रदेश के कृष्णा और चित्तूर जिले के किसानों से प्राप्त जीआई प्रमाणित बंगनपल्ली और सुरवर्णरेखा नाम के आम की एक अन्य किस्म के 2.5 मीट्रिक टन (एमटी) की एक खेप भेजी है।

भारत में आम को ‘फलों का राजा’ भी कहा जाता है। प्राचीन शास्त्रों में इसे कल्पवृक्ष (इच्छा पूरी करने वाला पेड़) कहा जाता था। भारत के अधिकांश राज्यों में आम के बागान हैं, लेकिन इस फल के कुल उत्पादन में बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक का है। अलफांसो, केसर, तोतापुरी और बंगनपल्ली भारत से निर्यात की जाने वाली आम की प्रमुख किस्में हैं। आम का निर्यात मुख्य रूप से तीन रूपों – ताजा आम, आम का गूदा और आम का टुकड़ा में होता है।