रांची। बड़ी खबर यह है कि रांची सिविल कोर्ट से रांची के व्यवसायी से रंगदारी मांगे जाने के मामले में अभियुक्त गैंगस्टर सुजीत सिन्हा व अमन साव को बड़ी राहत मिली है।
न्यायिक दंडाधिकारी एमके सिंह की अदालत ने सुजीत सिन्हा और अमन साव को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। अदालत ने माना कि इस मामले में अभियोजन अभियुक्तों पर आरोप साबित करने में नाकाम रहा। इसलिए सभी अभियुक्तों को बरी किया जाता है।
प्रार्थी के अधिवक्ता विनोद कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि जब मोबाइल से मैसेज भेजकर रंगदारी मांगी गई, उस दौरान सुजीत सिन्हा और अमन साव न्यायिक हिरासत में थे। इसके अलावा पुलिस ने इस मामले में उस मोबाइल को जब्त भी नहीं किया, जिससे व्यवसायी को रंगदारी देने और धमकी का मैसेज दिया गया है। ऐसे में उन पर कोई प्रत्यक्ष आरोप साबित नहीं होता है। इसलिए अभियुक्तों को बरी किया जाए।
यहां बता दें कि वर्ष 2020 में बरियातू थाने में विपिन मिश्रा ने सुजीत सिन्हा और अमन साव समेत सात लोगों के खिलाफ रंगदारी मांगने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आवेदन में कहा गया है कि अमन साव ने खुद को सुजीत सिन्हा गैंग का बताते हुए उनसे 25 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी गई थी। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पुलिस ने कोर्ट में छह गवाह पेश किए थे, जबकि बचाव पक्ष की ओर से एक भी गवाह पेश नहीं किया गया।