युवाओं में सकारात्मक सोच जगाने पर जोर

झारखंड
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  • कृषि विश्वविद्यालय के नये छात्रों का पांच दिवसीय व्यक्तित्व विकास प्रशिक्षण

रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची के राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ और हार्टफुलनेस संस्था के सहयोग से कृषि विवि के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों का ऑनलाइन वर्चुअल पांच दिवसीय व्यक्तित्व विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ। कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि आज का युवा देश का भावी भविष्य है। देश को संवारने में युवाओं के व्यक्तित्व विकास पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। वर्तमान में पूरे विश्व के युवा अनेक प्रकार के चुनौतियों से जूझ रहे है। तनाव एवं अवसाद आदि अनेकों समस्याओं से जूझ रहे है। युवाओं के बीच ध्यान, प्राणायाम एवं सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, ताकि वे भविष्य की चुनौतियों का डटकर मुकाबला कर सके।

डीन एग्रीकल्चर डॉ एमएस यादव ने कहा कि विवि में विद्यार्थियों के तकनीकी ज्ञान एवं कौशल क्षमता के विकास पर अच्छे तरीके से विशेष फोकस किया जाता है। इन विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास में सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक आयामों को समाहित कर दिया जाय, तो वे देश के विकास में अधिक बेहतर योगदान देने में सक्षम साबित होंगे।

राष्ट्रीय सेवा योजना के क्षेत्रीय निदेशक पीयूष परांजपे ने देश के विकास और विश्व कल्याण एवं विश्व शांति के लिए युवाओं में योग, प्राणायाम और ध्यान अभ्यास से सकारात्मक सोच के प्रति जागरुकता की आवश्यकता जताई। हार्टफुलनेस संस्था की राज्य समन्वयक सुश्री रिकिता स्वरूप ने कहा कि विद्यार्थियों में अपने पर्यावरण, अपने निकट के व्यक्तियों से संबंध और अपने ताकत को पहचाने बिना खुद का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है।

इस 5 दिवसीय प्रशिक्षण में विवि के अधीन संचालित कांके रांची स्थित कृषि महाविद्यालय, पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, वानिकी महाविद्यालय एवं कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय के अलावा रविन्द्र नाथ टैगोर कृषि महाविद्यालय देवघर, तिलका मांझी कृषि महाविद्यालय गोड्डा, कृषि महाविद्यालय गढ़वा, उद्यानिकी महाविद्यालय खूंटपानी चाईबासा, मत्स्यिकी विज्ञान महाविद्यालय गुमला और फूलो-झानो मुर्मू दुग्ध प्रौद्योगिकी महाविद्यालय हंसडीहा दुमका के प्रथम वर्ष के 350 विद्यार्थियों ने वर्चुअल माध्यम से भाग लिया। 

पांच दिनों में विद्यार्थियों को कनेक्ट, कोर, कांटेक्स्ट, च्‍वाइस, काउजेलिटी और कम्युनिटी के बारे में चर्चा, गतिविधियों और वीडियो मॉड्यूल के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया। विद्यार्थियों को प्रतिदिन 10 से 12 मिनट का ध्यान अभ्यास कराया गया। उनका फीडबैक मेंटीमीटर तथा गूगल फॉर्म के माध्यम से लिया गया।

बीएयू के राष्ट्रीय  सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक डा बीके झा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया। इसके संचालन में हार्टफुलनेस संस्था के डॉ योगेश खंडेलवाल, डॉ कमल वाधवा, रोहित बघेल, श्रीमती शीला सिंह एवं सुश्री उत्कर्ष जैन ने भूमिका निभायी।