प्रावधान के बाद भी कामगारों को सुविधाएं नहीं दे रहा सीसीएल प्रबंधन

झारखंड
Spread the love

प्रशांत अंबष्‍ठ

बोकारो। सीसीएल में कार्यरत कामगरों को बनायी गई नियमावली के तहत सुविधा दिए जाने का प्रावधान है। हालांकि प्रबंधन इसकी अनदेखा करता है। इसका खामियाजा श्रमिक भुगत रहे हैं। प्रताड़ि‍त होते हैं। कई काल के गाल में समा जा रहे हैं। प्रबंधन के इस रवैये के खिलाफ राष्‍ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ ने आवाज उठाई है।

जानकारी के मुताबिक करण सिंह जारंगडीह परियोजना में पीआरडब्‍ल्‍यू के पद पर कार्यरत थे। उन्‍हें वर्ष, 2013 से लकवा मार दिया था। वर्ष, 2020 तक इससे जूझते रहे। हालांकि उन्हें दसवें वेतन समझौते में लागू स्पेशल लीव का लाभ नहीं दिया गया। उन्‍हें यह 1 जुलाई, 2016 से फरवरी, 2020 तक मिलना था। प्रावधान के तहत बीमारी की स्थिति में सीसीईबीएफएस मद की राशि प्रत्येक माह 10,000 रुपये दिया जाना है। उसे भी प्रबंधन द्वारा नहीं दिया गया। अंतत: इलाज और पैसे के अभाव में उनकी मृत्‍यु हो गई।

एक और मामला कथारा कोलियरी में टेंडल के पद पर कार्यरत शंकर सिंह का है। वह भी लकवा रोग से पीड़ित हैं। वर्ष, 2015 से उनका इलाज चल रहा है। सीक लीव में हैं। उन्‍हें स्पेशल लीव मद की राशि 1 जुलाई, 2016 से 31 जुलाई, 2018 तक दी जानी चाहिए थी। प्रबंधन ने इसे नहीं दिया। वह भी गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं।

इस मामले से राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ ने कथारा क्षेत्र के महाप्रबंधक और एसओपी को  अवगत कराया है। आग्रह किया है कि कामगार को प्रावधान के तहत हर तरह की सुविधाएं दी जाए। ऐसा नहीं होने पर संगठन लड़ाई लड़ने को तैयार है। औद्योगिक अशांति की जवाबदेही प्रबंधन की होगी।