बिहार के बाहुबली पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में किया बरी, यह था आरोप

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पटना। बड़ी खबर यह है कि बाहुबली पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को आचार संहिता उल्लंघन के मामले में छपरा कोर्ट से राहत मिली है।

साक्ष्य के अभाव में एसीजेएम प्रथम रणधीर कुमार ने छपरा के भगवान बाजार थाने में दर्ज आचार संहिता के उल्लंघन मामले में प्रभुनाथ सिंह को बरी कर दिया है। आपको बता दें कि 16 अप्रैल 2014 को तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी राजेश्वर प्रसाद ने महाराजगंज के पूर्व सांसद पर आचार संहिता उल्लंघन करने मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

इसमें 12 अप्रैल 2014 को सारण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से राजद की प्रत्याशी राबड़ी देवी के नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद आयोजित जनसभा में भाषण के दौरान प्रभुनाथ सिंह ने आचार संहिता का उल्लंघन किया था। पूर्व सांसद पर आरोप था कि अपने भाषण में उन्होंने कहा था कि ईवीएम पर जईह, जान के परवाह मत करिह, एगो बने त एगो दबइह, दु गो बने त दु गो दबइह, मौका मिले तो दो चार सौ दबइह। इस मामले में विचारण के दौरान 23 फरवरी 2016 को न्यायालय ने आरोप गठन किया गया था। पूरे विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से एक भी गवाही कोर्ट में नहीं हुई, जिसके बाद कोर्ट ने पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को बरी कर दिया।

बहरहाल, पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह हत्या के मामले में अभी जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।