भुवनेश्वर। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस 2021 का जश्न मनाते हुए टाटा स्टील ने बुधवार को खेल व युवा सेवा विभाग (ओडिशा), अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन और ओडिशा नवल टाटा हॉकी हाई परफॉर्मेंस सेंटर (ओएनटीउएचएचपीपीसी) के सहयोग से एक वेबिनार का आयोजन किया। इसका विषय ’इंडियाज बेस्ट शॉट एट ओलंपिक ड्रीम’ था। मुख्य वक्ता ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन ट्रस्ट (एबीएफटी) के संस्थापक स्वयं अभिनव बिंद्रा थे। पैनल में विशाल के देव (प्रधान सचिव, खेल व युवा सेवाएं और पर्यटन, ओडिशा सरकार), चाणक्य चौधरी (वाईस प्रेसिडेंट, कॉर्पोरेट सर्विसेज, टाटा स्टील), राजीव सेठ (प्रोजेक्ट डायरेक्टर, ओडिशा नवल टाटा हॉकी हाई परफॉर्मेंस सेंटर) भी शामिल थे। सुश्री दीक्षा तिवारी (कंसल्टिंग सीनियरएसोसिएट एडिटर, माई सिटी लिंक्स मैगजीन) ने परिचर्चा का सह-संचालन किया।
एबीटीपी के संस्थापक एवं ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा ने कहा, ‘पूरी दुनिया इस महामारी से ग्रस्त है। एथलीटों को चुनौतियों से ऊपर उठकर खेलों में अपना 100 प्रतिशत देना होगा। बाधाएं हमारे प्रशिक्षण का हिस्सा हैं। उन पर काबू पाने के लिए साहस और धैर्य की आवश्यकता होती है। आगामी ओलंपिक खेलों से दुनिया को भविष्य में आशा किरण देखने में मदद मिलेगी, जो फिर से सुरक्षित बनेगी। खेलों की असली ताकत इस बात में निहित है कि यह समुदाय के लिए क्या कर सकता है। हमें खेलों का उपयोग करने और युवाओं के चरित्र को विकसित करने में इसका लाभ उठाने की जरूरत है। खेल हमें कड़ी मेहनत, अनुशासन, जीतना और इससे भी महत्वपूर्ण बात हारनपा सिखाते हैं। खेल मूल्यों को स्थापित कर समाज को आकार दे सकते हैं। हमें खुशियों पर अपना ध्यान रखना चाहिए, पदक जरूर आएंगे।‘
चाणक्य चौधरी ने कहा, ‘हमारे देश में टाटा स्टील का खेल के लिए प्रोत्साहन और समर्थन लगभग एक सदी पुराना है। यह इसकी संस्कृति का एक हिस्सा है। यह भारतीय खेलों के अग्रणी कॉर्पोरेट प्रमोटरों में से एक रहा है। कंपनी के पहले चेयरमैन सर दोराबजी टाटा द्वारा शुरू की गई एक परंपरा, जिन्होंने 1920 में एंटवर्प, बेल्जियम में भारत की पहली ओलंपिक टीम को वित्तपोषित किया था। इन वर्षों में टाटा स्टील ने फुटबॉल, आर्चरी, एथलेटिक्स, हॉकी और स्पोर्ट क्लाइंबिंग के लिए उत्कृष्ट एकेडमियों का निर्माण किया है। अब तक खेल के क्षेत्र में 1 पद्म भूषण, 11 पद्मश्री, 1 खेल रत्न, 6 द्रोणाचार्य, 1 ध्यानचंद और 42 अर्जुन पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। टाटा स्टील को भारत सरकार से दो बार प्रतिष्ठित राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार मिला है। हम बहुप्रतीक्षित आगामी टोक्यो ओलंपिक के लिए भारतीय दल को शुभकामनाएं देते हैं। हमें विश्वास है कि यह हमारे देश के लिए कई सम्मान लाएगा।’
विशाल के देव ने कहा, ‘टोक्यो ओलंपिक में माना जा रहा है कि भारत शानदर प्रदर्शन करेगा। पिछले संस्करणों की तुलना में स्थिति बहुत अलग होगी। क्योंकि अधिक जवाबदेही और कई योजना, पहल और सरकार व सभी स्टेकहोल्डरों के समर्थन के साथ हमारे पास बेहतर सिस्टम मौजूद हैं। आगे बढ़ते हुए हमें इस सिस्टम रूपी आधारशिला पर निर्माण करने और बाद के ओलंपिक में अधिक उपलब्धियों के लिए और एक एथलीट के समग्र विकास के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल में खेल विज्ञान और कल्याण कार्यक्रमों को शामिल करने की आवश्यकता है।‘
भारत में खेलों को बढ़ावा देने की दिशा में टाटा स्टील के निरंतर प्रयास के तहत इस वेबिनार का आयोजन किया गया था। सत्र ने एक भारतीय दृष्टिकोण से ओलंपिक खेलों के विभिन्न पहलुओं को छुआ, जिनमें देश का वर्तमान टैलेंट पूल और अनुकूल खेल पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता जैसे विषय भी शामिल थे। पैनलिस्टों ने खिलाड़ियों की शारीरिक और मानसिक तैयारी के बारे में भी बात की, क्योंकि कोविड-19 भाग लेने वाले देशों के लिए आज भी खतरा बना हुआ है।
खेल टाटा स्टील के राष्ट्र निर्माण के दर्शन का अभिन्न अंग रहा है। यह स्थानीय स्तर पर खेल संस्कृति का निर्माण करने और स्थानीय प्रतिभाओं को बढ़ने के लिए सही अवसर प्रदान करने के लिए अथक प्रयास कर रही है। टाटा स्टील भारत में पेशेवर खिलाड़ी, शौकीन और अपने स्वयं के कर्मचारियों को खेल और उत्कृष्टता के लिए निरंतर प्रोत्साहित कर खेलों के कॉर्पोरेट प्रोमोशन का नेतृत्व करती है। टाटा स्टील अपनी एकेडमियों और जमीनी स्तर के फीडर सेंटरो के माध्यम से पेशेवर खिलाड़ियों को तैयार करने और उनका पोषण करने में अपनी महती भूमिका निभा रही है।