निजी स्‍कूलों के मामले में रांची डीसी ने लिया यू टर्न, संघ ने कहा, गलत संदेश गया

झारखंड
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रांची। निजी स्‍कूलों में फीस वृद्धि के मामले में रांची डीसी छवि रंजन ने यू टर्न ले लिया। उन्‍होंने 24 जून, 21 को निकाले गए आदेश को वापस ले लिया। झारखंड अभिभावक संघ ने उनके इस कदम पर अफसोस जताया है। कहा कि इससे गलत संदेश गया है। इस मामले में 29 जून को आगे की रणनीति तय करने की घोषणा की है।

झारखंड अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि डीसी के यू टर्न लेने से राजधानी के हजारों अभिभावकों में निराशा छा गई है। अब उनके सामने बच्चों का भविष्य धूमिल होता हुआ दिखाई दे रहा है। उपायुक्त के आदेश से उनमें एक आस जगी थी कि कोरोना महामारी में अब सिर्फ उन्हें ट्यूशन फीस ही देना है। किसी भी तरह जुगाड़कर उसे पूरा किया जाएगा। हालांकि उपायुक्त के यूटर्न लेने से उन्‍हें काफी निराशा और हताशा हाथ लगी है।

अध्‍यक्ष ने कहा कि आदेश जारी करने से पहले उपायुक्त को विभागीय जानकारी लेनी चाहिए थी। फिर आदेश निकालते तो बेहतर होता। उनके द्वारा कुछ स्कूल के प्राचार्यो के साथ बैठक के उपरांत इस फैसले को वापस लेने से लोगों के बीच गलत संदेश गया है। लोग शक की दृष्टि से देखना शुरू कर दिए है कि कहीं उपायुक्त ने स्कूलों के दबाव में तो यह फैसला नहीं लिया?

अजय ने कहा कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल कोरोना के लगातार कहर से कितने बच्चों ने अपने मां-बाप खोए है। बेरोजगारो की संख्या में बढ़ी है। आम जनता किस तरह अपने परिवार का भरण पोषण कर रही है, यह अपने आप में बड़ा सवाल बन गया है। इस पर राज्य सरकार को भी सोचना चाहिए। संघ ने कहा कि इन परिस्थितियों में स्कूलों द्वारा अलग-अलग कई मदों में शुल्क की वसूली कितना जायज है?

राय ने कहा कि झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 के तहत रांची उपायुक्त ने शुल्क निर्धारण कमेटी का गठन किया था। अभी वे जिन स्कूलों के खिलाफ फीस वृद्धि की शिकायत झारखंड अभिभावक संघ व अन्य माध्यम से प्राप्त हुई है, उसपर तत्काल रोक लगाने को लेकर आदेश जारी करते, ताकि कोई भी स्कूल बढ़ी हुई फीस तब तक नहीं ले सकता, जब तक कि उन स्कूलों में एक्ट के तहत कमेटी का गठन हो नहीं जाता। साथ ही, उस स्कूल की कमेटी की अनुशंसा जिला की शुल्क निर्धारण कमेटी के पास आ नहीं आ जाती। गठित कमेटी की बैठक में उसपर चर्चा हो सके और अनुमोदन होने के उपरांत ही स्कूल उसे लागू करे। अन्यथा वह किसी तरह का कोई भी बढ़ा हुआ शुल्क नहीं ले सके।

अजय राय ने बताया की आज राज्य के लगभग सभी जिलों में अभिभावक संघ की जिला कमिटी की ओर से जिला के उपायुक्तों को झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 के तहत शुल्क निर्धारण कमेटी गठित करने को लेकर ज्ञापन सौंपा गया।  कल संघ की वर्चुअल बैठक रखी गई है, जिसमे आगे की रणनीति तय की जाएगी।