धूमधाम से मनाई गई फुलकुन्दी मण्डा पूजा, भक्‍तों ने कोरोना से मुक्ति की मांगी दुआ

झारखंड धर्म/अध्यात्म
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आनंद कुमार सोनी

लोहरदगा। जिले के सदर प्रखंड के अरकोसा शिवालय स्थान में पांच दिवसीय फुलकुन्दी मण्डा पूजा धूमधाम से मनाई गई। शिव के उपासकों ने पूरे विश्व के कल्याण और कोरोना से मुक्ति की दुआ मांगी। भक्तों ने भगवान से कहा कि पूर्व की भांति सब कुछ जल्द सामान्‍य कर दें।

अरकोसा गांव में फुलकुन्दी मण्‍डा पूजा पिछले 67 वर्षों से मनाया जा रहा है। पूजा बैशाख पूर्णिमा के दिन से जेष्ठ माह के चतुर्दशी तक होता है। इसमें भक्त द्वारा शिव की उपासना की जाती है। भक्त पूजा के दौरान साफ-सफाई, खान-पान की शुद्धता एवं भक्तिभाव का विशेष ध्यान रखते हैं।

लोग एक दिन में तेरह-तेरह बार तक स्नान करते हैं। नदी, दाड़ी से जल लेकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। पूजा के दौरान क्षमा याचना, जमीन लोटन याचना, वर मांगना, उलटा झूलना, आग परिक्रमा, हथेली में आग लेकर मंदिर में धूप जलाना, नंगे पाव आग में चलना आदि करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस पूजा से हर मनोकामना पूरी होती है।

फुलकुन्दी के लिए लगभग 20 फीट लंबा, 2 फीट चौड़ा एवं डेढ़ फीट गहराई में आग लगाई जाती है। आग में हवन घी आदि देकर धधकती आग में महिला और पुरूष भक्त नंगे पांव चलते हैं। इससे पूर्व उन्हें आग के ऊपर से झुलाया जाता है। भक्तों द्वारा आग को अपने हाथ में उठा कर शिवलिंग में चढ़ाने की परंपरा है। पूजा के बाद चौथे दिन भक्तों को 15 फीट ऊंचा झूला में बांधकर झुलाया जाता है। भक्त श्रद्धालुओं पर ऊपर से आशीर्वाद रूपी फूल बरसाते हैं। श्रद्धालु फूल की झोंक से खुशी का आशीर्वाद मिलने का अहसास करते हैं। पांचवें दिन भक्तजन गांव में घूम-घूमकर बड़े छोटे लोगों का पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं।

इस पूजा को लेकर गांव में दूर दराज से देखने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचते हैं। मेला भी लगाए जाते हैं। हर घर मे मेहमानों का आगमन होता है। पूरा गांव भक्तिमय हो जाता है। रात्रि में जागरण मनोरंजन आदि कार्यक्रम भी होता है।

हालांकि पिछले वर्षों से कोरोना एवं लॉकडाउन के कारण भीड़ में विराम लगी है। कोरोना के नियमों का पालन करते हुए शिवालय पूजा समिति भक्सो द्वारा धूमधाम एवं शांतिपूर्ण पूजा संपन्न कराया गया।

पूजा के आयोजन में समिति के इंद्रदेव उरांव, सुबोध प्रजापति, कैलाश यादव, दिनेश प्रजापति, लक्ष्मण उरांव, शैलेश महतो, विवेक सिंह सहित ग्रामीणों की भूमिका रही। पूजा में भाग लेने वाले भक्त हरीश प्रजापति, अजित उरांव, नित्यानंद प्रजापति, चंदन ठाकुर, नितेश उरांव, सूरज उरांव, शंभू महतो, विवेक उरांव, भूदे उरांव, अनिल उरांव, रीना कुमारी, संध्या कुमारी, विभा कुमारी, कौशल्या कुमारी, ओमा देवी, राधा कुमारी, सपना कुमारी, तारा कुमारी, आमिशा कुमारी, अमृता कुमारी सहित अन्‍य हैं।