IMA ने डॉक्टरों और अस्पतालों की सुरक्षा के लिए की कानून बनाने की मांग

देश नई दिल्ली
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नई दिल्ली। कोरोना महामारी के दौरान डॉक्टरों के साथ बदसलूकी और मारपीट की घटना को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने अस्पतालों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने की मांग की है। आईएमए के अध्यक्ष डॉ जेए जयलाल ने कहा है कि हम मांग करते हैं कि सरकार सीआरपीसी और आईपीसी के प्रावधानों के साथ के केंद्रीय सुरक्षा कानून लाए और यह भी सुनिश्चित करे कि सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में एक अनिवार्य सुरक्षा संरचना हो।

आईएम के अध्यक्ष ने कहा कि बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, यूपी और कर्नाटक में कोरोना वार्डों में सेवारत डॉक्टरों के साथ बदसलूकी हुई और उनको पीटा गया। महामारी में काम कर रहे फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन 18 जून को ‘सेव द सेवियर’ के नारे के साथ हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स पर हमले के खिलाफ स्वास्थ्य कर्मियों के विरोध के नेतृत्व करेगा। कोई अस्पताल बंद नहीं होंगे। डॉक्टर काली पट्टी, काला मास्क और काली शर्ट पहनकर विरोध दर्ज करेंगे।

बता दें कि देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस महामारी के दौरान डॉक्टरों के साथ मारपीट और बदसलूकी की घटना देखने को मिली है। मई महीने में यूपी की राजधानी लखनऊ में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था। जहां के केजीएमयू में एक ब्लैक फंगस के मरीज की मौत के बाद हंगामा और मारपीट हुई। जीस व्यक्ति की मौत हुई वह पहले कोरोना संक्रमित था। उसके बाद ब्लैक फंगस हो गया।

इसके अलावा यूपी के हाथरस में भी डॉक्टर के साथ मारपीट की घटना सामने आई थी। यहां के जिला मई महीने में यहां के जिला अस्पताल में एमडीटीबी कोविड एल-टू हास्पिटल में कोरोना संक्रमित एक महिला की मौत हो गई। मौत से गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ की और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों के साथ मारपीट की।