प्रशांत अंबष्ठ
बोकारो। पारा शिक्षक संघ के गोमिया के पूर्व विधायक सह झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता योगेंद्र प्रसाद गोमिया प्रखंड कार्यालय पहुंचे। वर्ष, 2020 में सरकार के निर्णय के आलोक में पोर्टल में पारा शिक्षकों की डाटा अब तक इंट्री नहीं को लेकर बीडीओ सह सीओ कपिल कुमार और बीईओ बीरेंद्र मिश्रा से बात की। इसमें पूर्व विधायक ने पारा शिक्षकों की चिंता और समस्या से उन्हें अवगत कराया। उन्होंने कहा कि करीब एक वर्ष से पारा शिक्षकों का डाटा पोर्टल में इंट्री नहीं हो सका है। अगर, 2008 में पारा शिक्षकों से संबंधित विवरणी रजिस्टर गुम हुआ है तो इसकी जिम्मेवारी बीआरसी की है ना कि पारा शिक्षकों की। गोमिया को छोड़ लगभग पूरे राज्य में डाटा इंट्री कार्य हो चुका है। लंबे समय से गोमिया के 535 पारा शिक्षक इस मामले में सफर कर रहे हैं। मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं।
तकनीकी उलझान से बचें
पूर्व विधायक ने कहा कि मामले को पेंच में नहीं फंसाकर व्यक्तिगत शपथ पत्र के आधार पर डाटा इंट्री पोर्टल में किया जाय। इस पर बीडीओ और बीईओ ने सहमति जताई। उम्र सीमा की बात पर कहा कि जब पारा शिक्षक पूर्व ज्वाइन किए थे, तब कोई उम्र सीमा नहीं थी। सिर्फ मैट्रिक पास योग्यता की शर्त थी। इसलिए 16 और 18 वर्ष की उम्र संबंधित मसले में तकनीकी उलझन से बचें। इसके बाद पूर्व विधायक, बीडीओ और बीईओ बीआरसी पहुंचे।
उपायुक्त से बात की पूर्व विधायक ने
इसके बाद पूर्व विधायक ने जिले के उपायुक्त राजेश सिंह से संबंधित विषय पर बात की। पारा शिक्षकों की वेदना से अवगत कराया। उपायुक्त ने पूर्व विधायक को आश्वस्त किया है कि गोमिया के सभी 535 पारा शिक्षकों का अनुमोदन किया जाएगा। उन्होंने मंगलवार को पोर्टल में डाटा इंट्री पर पदाधिकारियों की एक बैठक बुलाने पर बल दिया। इसके बाद पारा शिक्षकों ने खुशी का इजहार किया। मौके पर एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद, सचिव संदीप प्रसाद, मो ताजीम, ओमप्रकाश रवानी, रीतलाल महतो, रंजना मिश्रा, सीमा कुमारी, मनोज कुमार सिंह, महेश मंडल, मो सेराज, सन्नू प्रजापति, प्रकाश महतो, बिहारी चौधरी आदि थे।
हेमंत सरकार है, सबके साथ न्याय होगा
एक सवाल पर पूर्व विधायक ने कहा कि पारा शिक्षक गांवों में शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ हैं। वर्षों से अपनी सेवा दे रहे हैं। इनके साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर भविष्य में तकनीकी पेंच फंसाया गया तो उन पदाधिकारियों की खैर नहीं होगी। जनता ने व्यवस्था बदली है तो अधिकारियों को मानसिकता भी बदलनी होगी। ये हेमंत सरकार है, किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है। चाहे वह पारा शिक्षक हों, कृषक हो या आम जनमानस।