रांची। शिक्षकों का वेतन बंद करने पर संघ भड़का हुआ है। उसका कहना है कि बिना स्पष्टीकरण के वेतन बंद किया जा रहा है। यह अनुचित है। संघ ने बिना स्पष्टीकरण के वेतन स्थगित किये जाने पर काम ठप करने की धमकी दी है। संघ ने कोविड ड्यूटी में लगे शिक्षकों का बीमा कराने और उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है।
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र चौबे, महासचिव राममूर्ति ठाकुर और मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि पूरे प्रदेश में कोविड संक्रमण से जंग लड़ने में झारखंड सरकार के प्रयासों में शिक्षक दिन रात अपनी सेवाएं दे रहे हैं। विभिन्न जिलों में जिला प्रशासन के आदेश पर अस्पताल, वैक्सीनेशन, कोविड सेंटर, असोलेशन, कंट्रोल रूम, दवा दुकान, ऑक्सीजन सेंटर और कोविड जांच केंद्रों पर अलग-अलग शिफ्टों में कार्य कर रहे हैं। इस दौरान कई शिक्षक खुद भी संक्रमित हो रहे हैं। इससे उनका परिवार भी मानसिक दवाब में है।
संघ के पदधारियों ने कहा है कि अधिकांश जगहों पर कोविड ड्यूटी से संबंधित सुरक्षा किट के बिना ही शिक्षकों को सशंकित लोगों के संपर्क में आने को बाध्य किया जाता है। सरकार के निर्देश के विपरीत दिव्यांग शिक्षकों को भी अस्पताल और कोविड केंद्रों पर प्रतिनियुक्त किया गया है।
इस संबंध में संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शिक्षकों की सुरक्षा, इलाज और पारिवारिक हित से जुड़े विषयों को दुरुस्त करने की मांग की है। संघ ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि कोविड ड्यूटी में प्रतिनियुक्त सभी शिक्षकों को कोरोना योद्धा घोषित किया जाए। सभी प्रतिनियुक्त शिक्षकों का 50-50 लाख रुपये का बीमा कराया जाए। आर्थिक और मानसिक सुरक्षा दी जाए। कोरोना सेवा में लगे शिक्षकों के संक्रमित होने पर उन्हें एवं उनके परिवार के इलाज की बेहतर व्यवस्था सरकार के स्तर से की जाए। दिव्यांग, 50 वर्ष से अधिक आयु वाले और गंभीर बीमारी से ग्रसित शिक्षकों को कोविड ड्यूटी से मुक्त रखा जाए। सबों को कोविड सुरक्षा किट और वैक्सीनेशन देकर ही ऐसे कार्यों में लगाया जाए। साप्ताहिक अवकाश अवश्य दिया जाए।
संघ ने कहा कि रांची में एक ही शिक्षकों को दो-तीन जगह प्रतिनियुक्त किया जा रहा है। शिक्षक कहीं भी एक ही जगह कार्य करेंगे। अन्य कार्यों में नही जाने पर रांची उपायुक्त द्वारा उनका वेतन बंद किया जा रहा है। संघ ने अनुरोध किया है कि कोविड आपदा में शिक्षक जान जोखिम में रखकर संक्रमित लोगों की सेवा में लगे हैं। उपायुक्त द्वारा शिक्षक का वेतन बंद किया गया है, जो उचित नहीं है। बिना स्पष्टीकरण वेतन स्थगित नहीं किया जाय, वर्ना शिक्षकों द्वारा काम ठप किया जाएगा।