अधिकारियों के साथ ममता ने की बैठक, शपथ ग्रहण पर हुई चर्चा लेकिन हिंसा रोकने के लिए नहीं उठाया कोई कदम

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम आने के बाद राज्यभर में हिंसा होने और भाजपा कार्यकर्ताओं की निर्मम तरीके से हत्या के 48 घंटे बाद भी तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने मुंह नहीं खोला है। मंगलवार शाम राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, गृह सचिव और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ आपातकालीन बैठक की। तब उम्मीद थी कि कि राज्य में हिंसा के हालात पर नियंत्रण करने के लिए मुख्यमंत्री कोई ठोस कदम उठा सकती हैं।

लेकिन सूत्रों ने बताया है कि बैठक में इस बारे में बहुत कुछ बात नहीं हुई है। पूरी बैठक में मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण की तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था पर विस्तार से चर्चा हुई है। बैठक में कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए भी विस्तृत वार्ता हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आज बंगाल में हिंसा को लेकर चिंता जताई और राज्यपाल जगदीप धनखड़ से बात की है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने भी ममता सरकार से जवाब तलब किया है। वहीं केंद्रीय महिला आयोग ने भी पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर जवाब मांगा है। 

उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल चुनाव परिणाम सामने आने के बाद राज्य में हिंसा और भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्याओं को लेकर ममता बनर्जी सरकार की चौतरफा आलोचना हो रही है, लेकिन अभी तक शीर्ष स्तर पर कोई ठोस बयान नहीं आया है।  प्रदेश भाजपा ने दावा किया है कि 273 जगहों पर उनके कार्यकर्ताओं पर हमले, लूटपाट, तोड़फोड़, आगजनी और दुष्कर्म की घटनाएं हुई हैं।