कोरोना की मार से बेदम हुआ पर्यटन उद्योग, पीक सीजन की बुकिंग रद्द

देश नई दिल्ली
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नई दिल्ली। कोरोना के संक्रमण ने देश की अर्थव्यवस्था पर काफी बुरा असर डाला है। इस जानलेवा बीमारी की वजह से विभिन्न राज्यों में लगाई गई पाबंदियों के कारण कई सेक्टर्स में रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। बेरोजगारी दर 4 महीने के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच चुकी है। इस बीमारी के कारण सबसे ज्यादा असर टूरिज्म सेक्टर पर पड़ा है। पर्यटन से जुड़े एक करोड़ से ज्यादा रोजगार खतरे में पड़ गए हैं। इनमें आधी संख्या में रोजगार पर्यटन उद्योग से परोक्ष रूप से जुड़े हुए हैं, जबकि करीब 50 लाख लोग प्रत्यक्ष रूप से पर्यटन उद्योग से जुड़े हुए हैं। 

जानकारों का कहना है कि कोरोना की पहली लहर का असर कम होने के बाद दिसंबर और जनवरी में हुई बुकिंग में से ज्यादातर कोरोना की दूसरी लहर के दबाव में कैंसिल हो चुकी है। फरवरी और मार्च के पहले पखवाड़े में गर्मी के सीजन के लिए हुई बुकिंग भी पूरी तरह से रद्द हो चुकी है। इस तरह 2020 के बाद 2021 का पीक सीजन भी बुरे दौर से गुजरने वाला है। ये लगातार दूसरा साल है, जब गर्मी के सीजन में पर्यटन उद्योग के हाथ पूरी तरह से खाली है और उन्हें दूर दूर तक ठीक होने की कोई संभावना भी नजर नहीं आ रही है। 

पर्यटन उद्योग पर पड़ी मार की एक बड़ी वजह एडवांस बुकिंग के कैंसिल होने के बाद रिफंड के लिए बना दबाव भी है। एडवांस बुकिंग के बल पर पर्यटन से जुड़े लोगों ने पीक सीजन की तैयारी के लिए बड़ी राशि खर्च भी कर दी थी, लेकिन अब एडवांस बुकिंग के कैंसिल होने के बाद उन्हें मजबूरन बुकिंग की पूरी राशि वापस करनी पड़ रही है जिसके कारण पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों पर दोहरा दबाव बन गया है। जानकारों का कहना है कि घरेलू पर्यटकों की तुलना में विदेशी सैलानियों से इस उद्योग को कहीं अधिक कमाई होती है। पर्यटन उद्योग की कमाई का लगभग 70 फीसदी पैसा विदेशी पर्यटकों से ही आता है। कोरोना के लगातार बढ़ते खतरे को देखते हुए कई देशों ने भारत आने जाने पर पूरी तरह रोक लगा दी है। कुछ देशों ने भारत के साथ एयर-बबल ट्रैवल समझौते को भी खत्म कर दिया है। 

आलम ये है कि डोमेस्टिक और इंटरनेशनल टूरिज्म के लिए इन दिनों कहीं से कोई भी कॉल नहीं आ रही है। एक बड़ी परेशानी ये भी है कि यूरोपीय देशों, खाड़ी के कुछ देशों और ऑस्ट्रेलिया ने भारत से उड़ान सेवा पर या तो रोक लगा दी है या उन्हें विशेष निगरानी की श्रेणी में डाल दिया है। ऐसी स्थिति में जो पर्यटक पहले भारत आना भी चाहते थे, वे भी अब अपनी बुकिंग कैंसिल कराने लगे हैं। 

पर्यटन उद्योग से मुख्य रूप से होटल इंडस्ट्री, टूरिस्ट गाइड, टूर एंड ट्रैवल कंपनियां, प्रोग्राम और इवेंट मैनेजर जुड़े होते हैं लेकिन बुकिंग कैंसिल होने से इन सभी की परेशानियां बढ़ गई हैं। पीक सीजन में भी इनके पास कोई काम नहीं रहने वाला है। ऐसे में ये सारे लोग सिर्फ इस उम्मीद पर खाली बैठे रहने वाले हैं कि शायद टूरिज्म का अगला सीजन कोरोना के असर से मुक्त रहेगा और उनकी कमाई हो सकेगी।