शिक्षक से आरडीडीई के नाम पर घूस मांगकर फंसे बीईईओ

झारखंड मुख्य समाचार
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  • मांगा गया स्‍पष्‍टीकरण, संतोषजनक जवाब नहीं होने पर होगी कार्रवाई

चाईबासा। कोल्‍हान प्रमंडल के क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक (आरडीडीई) नारायण प्रसाद विश्वास के नाम पर घूस मांगकर गम्‍हरिया के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (बीईईओ) कानन पात्रा फंस गये हैं। द्वितीय सेवा पुस्तिका खोलने के लिए सहायक शिक्षक से आदेशपाल के माध्‍यम से उन्‍होंने पैसे की मांग की थी। इसका ऑडियो व्‍हाट्सएप पर वायरल हुआ था। खबरें भी प्रकाशित हुई थी। इसपर संज्ञान लेते हुए आरडीडीई ने बीईईओ से स्‍पष्‍टीकरण मांगा है। संतोषजनक जवाब नहीं होने पर उच्‍चधिकारी को कार्रवाई के लिए अनुशंसा करने की बात कही है।

आरडीडीई ने पत्र में मीडिया में प्रकाशित खबरों और वायरल ऑडियो का उल्‍लेख किया है। इसमें कहा है कि प्रकाशित समाचार और व्हाट्सएप में वायरल ऑडियो क्लिप के माध्यम से संज्ञान में आया कि आपके द्वारा गम्‍हरिया प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय रायबासा की सहायक शिक्षिका राधी पुरती से द्वितीय सेवा पुस्तिका खोलने के एवज में 12,000 रिश्वत मांगी गई है। उक्त कार्य के लिए प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी गम्हरिया के कार्यालय में कार्यरत आदेशपाल गणेश गोप को पैसे के लेन-देन का माध्यम बनाया गया है।

आरडीडीई ने लिखा है कि ऑडियो क्लिप में सेवा पुस्तिका खोलने के लिए आदेशपाल द्वारा कई बार अधोहस्ताक्षरी से आदेश निर्गत कराने के लिए रिश्वत क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक को दिये जाने का जिक्र किया गया है। प्रारंभिक शिक्षकों की सेवा पुस्तिका खोलने के लिए कहीं भी अधोहस्ताक्षरी की भूमिका नहीं होती हैं। ना ही सेवा संहिता में इसका उल्लेख है। इससे स्पष्ट है कि आपके द्वारा राशि उगाही के लिए तरह-तरह का हथकंडा अपनाया जाता है। शिक्षकों से राशि की वसूली की जाती है।

विश्‍वास ने लिखा है कि इस तरह राशि वसूली के लिए आदेशपाल एवं शिक्षकों के बीच हुई संवाद ऑडियो क्लिप में अधोहस्ताक्षरी को राशि देने की पुनरावृत्ति की गई है। इससे अधोहस्ताक्षरी की छवि धूमिल हुई है। साथ ही, विभाग की स्वच्छ कार्यशैली पर भी प्रश्न चिन्ह लगा है।

आरडीडीई ने पत्र में लिखा है कि आपके द्वारा सरकारी सेवक आचार नियमावली का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन किया गया है। आदेशपाल द्वारा शिक्षिका से मोबाईल पर रिश्वत के लिए किसके कहने पर किया जा रहा है। उक्त कार्य के लिए जिम्मेवार कौन है? संपूर्ण घटनाक्रम पर आदेशपाल से स्पष्टीकरण प्राप्त करते हुए अपना स्पष्टीकरण तीन दिनों के अंदर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।

स्पष्टीकरण समयावधि में अप्राप्ति अथवा असंतोषजनक पाये जाने की स्थिति में झारखंड सरकारी सेवक (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2016 में निर्दिष्ट प्रावधानों के तहत अनुशासनिक कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारी को संसूचित कर दी जाएगी।