- लिक्विड ऑक्सीजन का प्लांट भी लगाया गया है
उत्तर प्रदेश। सेना और डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) ने मात्र 16 दिनों में 750 बेड का अस्थाई कोविड अस्पताल बना दिया। वाराणसी में बने पंडित राजन मिश्र कोविड अस्पताल कोरोना मरीजों का इलाज शुरू हो गया है। पहले चरण में 250 बेड का आईसीयू शुरू किया गया है।
आईसीयू समेत सभी सुविधाएं
बीएचयू के एम्फीथिएटर मैदान में बने इस अस्थाई अस्पताल में 250 बेड के आईसीयू समेत अन्य 500 बेड पर भी इलाज की सभी अत्याधुनिक सुविधाएं है। इससे कोरोना से पीड़ित मरीजों का इलाज किया जा सकेगा। अस्थाई अस्पताल में ऑक्सीजन और दवा की व्यवस्था खुद डीआरडीओ संभालेगा। इस अस्पताल के शुरू होने से पूर्वांचल के कोविड मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 9 मई को इस अस्पताल का निरीक्षण किया था। इसे 10 मई से कोविड मरीजो के लिए खोलने को कहा था। अस्पताल परिसर में मरीज के परिजनों के रहने का भी इंतजाम है।
फिलहाल 250 बेड का आईसीयू शुरू
वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि अभी 250 बेड का आईसीयू शुरू किया गया है। दो से तीन दिनों में बचे 500 बेड को भी शुरू किया जाएगा। आईसीयू में सेना के डॉक्टर मरीजों को देखेंगे। ऑन कॉल बीएचयू के डॉक्टर भी आएंगे। अस्पताल में 750 बेड के शुरू होने पर सेना और बीएचयू दोनों जगहों के चिकित्सकों की भागीदारी होगी। इस अस्थाई अस्पताल में सबसे पहले अन्य अस्पतालों के गंभीर मरीजों को एडमिट किया जाएगा। कंट्रोल रूम के माध्यम से यहां अन्य अस्पतालों के रेफरल मरीज ही भर्ती होंगे। बाद में बेड बचे होने पर अन्य मरीजों को भर्ती किया जाएगा। परिजनों के लिए शेड बनाए गए है। सेवा भारती और अन्य एनजीओ पहले से ही खाने की व्यवस्था कर रहे हैं। मरीजों के परिजनों से मोबाइल से बात कराने और ब्रीफिंग की भी व्यवस्था है।
अस्पताल में तीन ब्लॉक बनाये गये हैं
सेना और डीआरडीओ की मदद से बने 750 बेड के इस अस्थायी अस्पताल में 250-250 बेड के तीन ब्लॉक बनाये गये हैं। इसमें 250 बेड का आईसीयू है। अन्य बेडों को एचएफएनसी, बाईपेप, ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर और ऑक्सीजन सप्लाई लाइन की सुविधाओं से जोड़ा गया है। लिक्विड ऑक्सीजन का प्लांट भी डीआरडीओ ने लगाया है। इसमें एंबुलेंस के लिए ग्रीन कॉरिडोर, एडमिनिस्ट्रेशन सेक्शन, सुरक्षा के लिए फायर फाइटिंग की भी व्यवस्था है।
पूर्वांचल के कोरोना मरीजों को भी राहत
कोरोना के संक्रमण से मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी ऑक्सीजन युक्त बेडो की हो रही थी। अब इस अस्पताल के तैयार हो जाने से वाराणसी ही नहीं, बल्कि पूर्वांचल के कोरोना मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। अस्थाई अस्पताल में मैन पावर का इंतजाम बीएचयू व स्थानीय प्रशासन ने किया है। इसके लिए बड़े पैमाने पर भर्तियां भी की गई है।