हिसार में किसानों के उपद्रव में 20 पुलिसकर्मियों को लगी चोटें, पांच गाड़ियां तोड़ीं

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हिसार। हिसार में कोविड केयर अस्पताल का उद्घाटन करने पहुंचे मुख्यमंत्री मनोहर लाल के जाने के बाद रविवार को उपजे तनाव के दौरान किसान आंदोलनकारी और पुलिस बल में भिड़ंत हो गई। इसमें करीब 20 पुलिस कर्मचारियों को चोटें आईं और 5 गाड़ियां भी तोड़ दी गईं। पुलिस का कहना है कि उपद्रवियों ने पुलिस पर हमला किया, जिसके चलते यह स्थिति पैदा हुई। दूसरी तरफ किसान आंदोलन की अगुवाई करने वाले नेताओं का कहना है कि सरकार किसान आंदोलन को लाठी के दम पर दबाना चाहती है, जो सहन नहीं होगा। किसान नेताओं ने सोमवार को सुबह 11 बजे प्रदेशभर के तमाम पुलिस थानों के घेराव का अल्टीमेटम दे दिया है।

रविवार को हुए अस्पताल के उद्घाटन कार्यक्रम के बाद पुलिस और किसान आंदोलनकारियों में टकराव हो गया। दोनों ओर से इस संबंध में एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि अस्पताल के बाहर हुए हमले में 5 महिला पुलिसकर्मियों सहित कुल 20 घायल कर्मचारी घायल हुए हैं। डीएसपी अभिमन्यु से भी धक्का-मुक्की हुई और पुलिस के पांच वाहनों को तोड़ दिया गया। 

पुलिस ने जड़े गंभीर आरोप-
पुलिस का कहना है कि उपद्रवियों ने चौधरी देवीलाल संजीवनी अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन के बहाने पुलिसकर्मियों पर जमकर हमला बोला और पथराव किया। पुलिस प्रवक्ता के अनुसार उपद्रवियों ने सबसे पहले नहर पुल पर स्थापित किए गए बैरिकेड को तोड़ा और बैरिकेड नहर में फेंक दिए। इसके बाद उपद्रवियों ने जिंदल ओवरब्रिज के नीचे बैरिकेड को भी तोड़ा और वहां डीएसपी अभिमन्यु लोहान के साथ जमकर हाथापाई की। इसके बाद उपद्रवी जिंदल मॉडर्न स्कूल में स्थापित किए गए चौधरी देवीलाल संजीवनी अस्पताल परिसर में घुसने लगे और वहां लगाए गए बैरिकेड हटा दिए। इस जगह पर उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की भी कोशिश की, जिसमें कुछ पुलिसकर्मियों के पांव पर भी चोटें लगी हैं। पुलिस का कहना है कि इनमें से कई उपद्रवी शराब पीए हुए थे और इनकी मंशा बड़े स्तर की हिंसा करना था।

टिकैत व चढूनी ने किया सोमवार को प्रदेशभर में पुलिस थानों के घेराव का ऐलान-
उधर, हिसार के घटनाक्रम की सूचना पर जिले में जगह-जगह रास्ते जाम करके किसानों ने सरकार के पुतले फूंके। किसान नेता राकेश टिकैत व गुरनाम सिंह चढूनी भी हिसार पहुंचे और किसानों से बातचीत करते हुए इसे सरकार की बर्बतापूर्ण कार्रवाई बताया। दोनों नेताओं ने कहा कि सरकार आंदोलन को लाठी के बल पर दबाना चाहती है लेकिन किसान अपने ऊपर जुल्म बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने सरकार एवं पुलिस प्रशासन से मांग की कि गिरफ्तार किसानों को रिहा किया जाए।

किसानों की जिन गाडिय़ों को पुलिस ने तोड़ा है उनकी भरपाई सरकार करे तथा लाठीचार्ज करने वालों पर केस दर्ज किया जाए। उन्होंने चेताया कि यदि ये मांगे नहीं मानी गईं तो सोमवार को सुबह 11 बजे प्रदेशभर में पुलिस स्टेशनों का घेराव किया जाएगा, जिसकी जिम्मेवारी सरकार एवं पुलिस प्रशासन की होगी। गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सैकड़ों किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया है और सैकड़ों को चोटें मारी हैं, जिसमें वे घायल हैं। इस संबंध में किसान नेताओं ने हिसार रेंज के आईजी को अपने अल्टीमेटम से अवगत करवा दिया है।