रांची। प्रत्येक मनुष्य में असीम क्षमता होती है। जब आत्मविश्वास का स्तर बढे़गा, तब तनाव का स्तर घटेगा। हंसना, सत्संग, अच्छा व्यवहार के कारण हमें मन की शांति मिलती है। सभी को सोचना चाहिए कि ये जिंदगी दोबारा नहीं मिलने वाली है। अतः हमें वर्तमान को अत्यधिक सुंदर, सुखमय एवं स्वास्थ्यवर्धक बनाने बनाना चाहिए। उक्त बातें तनाव प्रबंधन विशेषज्ञ मिलन कुमार सिन्हा ने कही। वे एनएसएस, झारखंड और यूनीसेफ के संयुक्त तत्वावधान में 22 अप्रैल को आयोजित वेबिनार में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। वेबिनार का विषय ‘कोविड -19 महामारी से उत्पन्न तनाव के प्रबंधन एवं अच्छे स्वास्थ्य हेतु जागरुकता’ था।
मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ कामिनी कुमार ने कहा कि धैर्य, संयम, आत्मविश्वास एवं तनाव रहित जीवन से कोरोना वायरस को हराया जा सकता है। कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि सावधानीपूर्वक लड़ने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि छात्रों में तनाव और अवसाद को निष्क्रिय करने के लिए उन्हें व्यस्त रहते हुए योग एवं व्यायाम पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
एनएसएस के सहायक कार्यक्रम सलाहकार, नई दिल्ली के कमल कुमार कर ने कहा कि चिंता एवं तनाव को दूर करने के लिए सकारात्मक सोच के भाव को विकसित करना होगा। यूनीसेफ के झारखंड के प्रमुख प्रसांता दास ने कहा कि युवाओं को विभिन्न प्रकार की भावनाओं का सामना करना पड़ता है। अपने दैनिक दिनचर्या में बदलाव का सामना करने वाले किशोरों के लिए, उनके माता-पिता और विश्वविद्यालयों में शिक्षकों और परामर्शदाताओं से बात करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने मास्क पहनने, 2 गज की दूरी बनाए रखने और हाथ धोने की अपील की। कहा कि एनएसएस और यूनीसेफ द्वारा चलाये जा रहे अभियान ‘न डरना है, न घबराना है-मिलकर कोरोना को हराना है’ के माध्यम से युवाओं को इस कठिन दौर से दूर करने में मदद मिलेगा।
बंगलोर के प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डॉ शशिभूषण कुमार गुप्ता ने तनाव, अवसाद, कुंठा एवं भय की विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए इनसे मुक्त होने के लिये कई प्रकार की थेरेपी की व्याख्या की।
वेबिनार में कोविड-19 महामारी के विरुद्ध एक मुहिम चलाने की रणनीति बनाई गई। इसमें विश्वविद्यालय स्तर पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन करने, 1 मई से 18 वर्ष के ऊपर के आयु के लोगों के टीकाकरण अभियान में जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करने, सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक जनजागरण करने एवं विश्वविद्यालय स्तर पर तनाव प्रबंधन कोषांग गठन करके प्रत्येक जिला में युवाओं के अंदर व्याप्त तनाव को दूर करने के लिए वेबिनार, कार्यशाला, संवाद, उन्मुखीकरण आदि कार्यक्रमों के आयोजन का निर्णय हुआ।
स्वागत यूनीसेफ की पदाधिकारी आस्था अलंग ने किया। धन्यवाद राज्य एनएसएस पदाधिकारी डॉ ब्रजेश कुमार ने किया।
वेबिनार में एनएसएस के क्षेत्रीय निदेशक पीयूष परांजपे, कार्यक्रम समन्वयक डॉ मेरी मार्गरेट टुडू, डॉ दारा सिंह गुप्ता, डॉ जोनी रूफिना तिर्की, डॉ ओमप्रकाश पाण्डेय, झारखंड के 24 जिलों के एनएसएस के नोडल पदाधिकारी, राज्य तनाव प्रबंधन कोषांग के पदाधिकारी डॉ शशिकला सिंह, डॉ सरिता सिंह, डॉ विनोद कुमार शर्मा, डॉ आभा एक्का सहित एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी एवं स्वयंसेवकों शामिल हुए।