पूर्णिया का यह क्षेत्र बरसात में बन जाता है टापू, अगर बन जाता पुल तो मिलती राहत

बिहार
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पूर्णिया। पूर्णिया के अमौर प्रखंड अंतर्गत तालवारी पंचायत के सीमलबाड़ी घाट पर पुल निर्माण की मांग वर्षों से चली आ रही है। अगर यह पुल बन जाता, तो बिहार-बंगाल से जुड़ी 50 हजार की आबादी को राहत मिल जाती। बरसात के दिनों में दर्जनों गांव के लोगों का जीवन टापू में कैद होकर रह जाता है। उसके पास एकमात्र विकल्प नाव की सवारी ही बचता है।

कनकई नदी पर अवस्थित सिमलबाड़ी घाट पर पुल नहीं बनने से बरसात में लोगों को तकरीबन 50 किलोमीटर की अतिरिक्त यात्रा करनी पड़ती है। साल के छह माह आवागमन के लिए लोगों को भारी फजीहत झेलनी पड़ती है। स्थानीय ग्रामीण नैयर आलम ने बताया कि जनप्रतिनिधियों से वर्षों से पुल बनाने की मांग की जाती रही है। सरकार ने पुल निर्माण को स्वीकृति भी दे दी है। डीपीआर भी बनकर तैयार है, लेकिन फंड पास नहीं होने से पुल निर्माण पर ग्रहण लगा हुआ है।