संघ ने मुख्‍य सचिव को बताई कोविड ड्यूटी में लगाये गये शिक्षकों की परेशानी

झारखंड
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रांची। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोविड ड्यूटी में लगाये गये शिक्षकों की परेशानी मुख्‍य सचिव सुखदेव सिंह को बताई है। व्यक्तिगत और पारिवारिक सुरक्षा के साथ-साथ शिक्षकों के हित में इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है। संघ के प्रदेश महासचिव राममूर्ति ठाकुर ने इस संबंध में गुरुवार को उन्हें पत्र लिखा है।

महासचिव ने कहा है कि राज्य के विभिन्न जिलों में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति कोविड-19 अस्‍पताल, केंद्र, वैक्सीनेशन, कैंप, कोविड-19 केंद्रों और आईसीयू आदि जगहों पर की गई है। वहां असुरक्षित जोखिमपूर्ण अवस्था में शिक्षकों की सेवाएं ली जा रही है। इससे शिक्षक और उनके परिवार के को‍रोना संक्रमित होने का भय उत्पन्न हो गया है। साथ ही, यह कोविड-19 मानकों के अनुकूल भी नहीं है।

इन बिंदुओं पर ध्‍यान दिलाया

महासचिव ने कहा है कि 50 वर्ष से अधिक उम्र और गंभीर बीमारी से ग्रस्त शिक्षकों की सेवाएं भी इन कार्यों के लिए ली जा रही है, जोकि‍ संक्रमण की भयावहता के मद्देनजर अति जोखिमयुक्‍त है।

इन केंद्रों में लगाए गए शिक्षकों को मानकों के प्रतिकूल पीपीई एवं अन्य सुरक्षा किट से रहित अवस्था में ही कार्य लिए जा रहे हैं।

आईसीयू में शिक्षकों की सेवा ली जा रही है, जबकि चिकित्सा क्षेत्र में आईसीयू एक महत्वपूर्ण एवं गंभीर केंद्र हैं। ऐसे स्थानों पर सेवा देने में इससे संबंधित जानकारी/अनुभव के अभाव में शिक्षक अपने असहज और असहाय महसूस करते हैं। वह भी पीपीई और अन्‍य सुरक्षा किट से रहित अवस्‍था में।

मुख्य सचिव से की यह मांगें

50 वर्ष से अधिक उम्र और गंभीर बीमारी से ग्रस्‍त शिक्षकों की सेवा इन कार्यों के लिए नहीं ली जाए।

आईसीयू/श्‍मशान जैसी जगह पर शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति नहीं करने के लिए निर्देशित किया जाए।

कोविड-19 आपदा कार्य में किसी भी केंद्र/कैंपों में प्रतिनियुक्‍त शिक्षकों को पीपीई एवं अन्य सुरक्षा किट उपलब्ध कराने की अनिवार्यता हो।

कोविड-19 में प्रतिनियुक्त शिक्षकों और उनके आश्रितों के संक्रमण होने की स्थिति में राज्य सरकार द्वारा उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित कराई।

उक्त कार्यों में प्रतिनियुक्‍त शिक्षकों के लिए पारिवारिक सुरक्षा हित में 50 लाख रुपये का बीमा घोषित किया जाए।