जाने-माने गुजराती और उर्दू कवि खलील धनतेजवी का निधन

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वडोदरा/अहमदाबाद। गुजराती और उर्दू के जाने-माने कवि खलील धनतेजवी का आज सुबह वडोदरा में निधन हो गया। केवल कक्षा 4 तक मानक शिक्षा लेने वाले खलील धनतेजवी की कई गजलों को जगजीत सिंह ने भी स्वर दिया है। 

खलील धनतेजवी का मूल नाम खलील इस्माइल मकरानी है। उनके  जाने से गुजरात की साहित्यिक दुनिया को भारी क्षति हुई है।  खलील धनतेजवी का जन्म 12 दिसंबर 1938 को वडोदरा जिले के धनतेज गाँव में हुआ था। वह वर्तमान में वडोदरा में रहते थे। खलील धनतेजवी साहित्य के साथ-साथ पत्रकारिता, प्रिंटिंग प्रेस और फिल्म निर्माण में भी शामिल थे। उन्हें 2004 में कलापी पुरस्कार और 2013 में वली गुजराती गजल पुरस्कार मिला।

उन्हें 2019 में नरसी मेहता पुरस्कार भी मिला था|खलील धनतेजवी शुरुआत में अपने दिमाग में ही गज़लें रखते हुए  अपने दोस्तों को गज़ल के पाठ पढ़ाते थे। याद रखने की उनकी यह शक्ति बुढ़ापे में भी मुशायरों में बनी रही। उनके  पहले ग़ज़ल संग्र में 100 से अधिक ग़ज़लें शामिल थीं। खलील धनतेजवी की ग़ज़लों के संग्रह में सादगी, सारांश और सरोवर शामिल हैं।